रांची: डॉ निर्मल मिंज और डॉ बीपी केसरी की अध्यक्ष में बगइचा में झारखंडी व वाम दलों की बैठक हुई. बैठक में 10 मुद्दों को संयुक्त जन आंदोलन का आधार बिंदु बनाते हुए राज्य में राजनीतिक विकल्प बनाने का संकल्प लिया गया.
यह जानकारी देते हुए संजय बसु मल्लिक ने बताया : स्थानीय नीति अविलंब तय और लागू करने, न्यायपूर्ण आरक्षण नीति लागू करने, सीएनटी और एसपीटी कानून सख्ती से लागू करने, विस्थापन-पलायन बंद करने, जबरन भूमि अधिग्रहण बंद करने, झारखंड भाषा शिक्षकों की नियुक्ति और पठन-पाठन शुरू करने, भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ आवाज बुलंद करने, विकास के नाम पर राज्य को लूटनेवाले कॉरपोरेट घरानों को उखाड़ फेंकने, नक्सली सफाया के नाम पर आदिवासियों और मूलवासियों का सफाया बंद करने, पेसा कानून को अक्षरश: लागू करने, वन अधिकार कानून पूर्णत: लागू करने व प्राकृतिक संसाधनों पर झारखंडी जनता को स्वामित्व देने को आंदोलन का आधार बिंदु बनाने के लिए मुद्दे तय किये गये हैं.
बैठक में समन्वय एवं आंदोलन के साझा मंच का नाम झारखंड समन्वय समिति-2 सर्वसम्मति से रखा गया. इसमें राजनीतिक दल, जन संगठन व बुद्धिजीवियों और आंदोलनकारियों को शामिल किया जायेगा. फिलहाल, संचालन समिति में अनंत प्रसाद गुप्ता, सालखन मुरमू, सूरज सिंह बेसरा, स्टेन स्वामी, संजय बसु मल्लिक, डॉ निर्मल मिंज, डॉ बीपी केसरी, सुशांतो मुखर्जी, भुवनेश्वर प्रसाद मेहता को शामिल किया गया है. समिति की अगली बैठक 15 जुलाई को दिन के तीन बजे से जंगल बचाओ आंदोलन के कार्यालय में होगी. उसमें डॉ रमेश शरण को भी आमंत्रित किया गया है.