रांची: इसरो ने भारत का दूसरा लांच वेहिक्ल जीएसएलवी मार्क-3 का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण कर पुन: गौरव हासिल किया है. इस सफलता में एचइसी का भी अहम योगदान रहा है. एचइसी के जन-संपर्क अधिकारी हेमंत गुप्ता ने बताया कि जीएसएलवी मार्क-3 श्रीहरिकोटा स्थित इसरो के द्वितीय लांच पैड से प्रक्षेपित किया गया. एचइसी के लिए यह काफी गौरव का क्षण है. एचइसी ने श्रीहरिकोटा स्थित इसरो के लिए सेकेंड लांच पैड का निर्माण कर आपूर्ति किया था.
एचइसी ने मोबाइल लांच पैड, टावर क्रेन, हॉरिजेंटल सलाइडिंग डोर, 400 टन इओटी क्रेन तथा फोल्डिंग कम वर्टिकली रेसपोंसीबल प्लेटफार्म का निर्माण किया था. जिसे बाद में श्रीहरिकोटा में स्थापित किया गया. एचइसी ने मोबाइल लांच पेडेस्टल का डिजाइन, निर्माण एवं इरेक्शन किया. एमएलपी का कुल भार लगभग 800 टन है तथा इसमें नौ मॉडयूल हैं, जिसका फैबरिकेशन एचइसी में किया गया तथा साइट पर इसका एसेंबल किया गया.
एमएलपी एकीकृत वेहिक्ल को वर्टिकल पोजिशन में पटरी का उपयोग कर वेहिक्ल एसेंबली बिल्डिंग से लांच साइट पर तथा उसी स्थिति में प्रक्षेपण स्थान पर लाता है. 10 टन टावर क्रेन 80 मी. की ऊंचाई पर अनविलिकेबल टावर के ऊपर संस्थापित किया गया. जिसका डिजाइन अत्यधिक वायु दबाव को देखते हुए तैयार किया गया है. हॉरिजेंटल स्लाइडिंग डोर्स में विशेषता है कि यह साइक्लॉन लॉक्स तथा रेन वाटर सीलिंग एैरेंजमेंट से सुसज्जित है.