रांची: झारखंड के पांच जिलों में ई-नागरिक सुविधाओं का हाल ठीक नहीं है. सरायकेला-खरसांवां, गढ़वा, पलामू, पूर्वी सिंहभूम और चतरा में आम लोगों को प्रज्ञा केंद्रों से जन्म, मृत्यु, आय, जाति प्रमाण पत्र और आवासीय प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. पलामू और गढ़वा जिलों के हैदर नगर, पांकी, उंटारी, विश्रमपुर, हुसैनाबाद, मनातू, मोहम्मदगंज, पांडू, मेराल, कांडी, रामकंडा, रमना, रंका, चिनिया और खरौंधी में ई-नागरिक प्रणाली का क्रियान्वयन बंद कर दिया गया है. सरकार की ओर से दलील दी गयी है कि गैर सरकारी व्यक्ति के सहयोग लेने से पूरी प्रणाली में भ्रष्टाचार बढ़ेगा और समय पर लोगों को प्रमाण पत्र नहीं मिल पायेगा.
सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की मानें, तो राज्य भर में सिर्फ 177 प्रखंडों से ही इलेक्ट्रॉनिक सर्विस डिलिवरी के तहत प्रमाण पत्रों का वितरण हो रहा है. 52 प्रखंडों में प्रज्ञा केंद्र कार्यरत ही नहीं हैं. यहां से पुराने र्ढे पर ही प्रमाण पत्रों का वितरण हो रहा है.
राज्य में बोकारो, चतरा, रामगढ़, धनबाद, गिरिडीह, हजारीबाग, कोडरमा, सिमडेगा, गुमला, खूंटी, लोहरदगा, सरायकेला-खरसांवां, पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम में प्रज्ञा केंद्रों में तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध कराने की जवाबदेही यूनाइटेड टेलीकॉम लिमिटेड को दी गयी है.
बेसिक्स नामक कंपनी देवघर, दुमका, गोड्डा, जामताड़ा, पाकुड़, साहेबगंज में यह सुविधा मुहैया करा रही है. वहीं वीएमएम की ओर से गढ़वा, लातेहार और पलामू में ई-नागरिक सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है.