रांची: झारखंड पर्यटन विकास निगम (जेटीडीसी) द्वारा संचालित बेकार पड़ी सिटी बसों की हालत सुधारने के लिए नगर निगम ने राज्य सरकार से 1.50 करोड़ रुपये मांगे हैं. इस राशि से नगर निगम जजर्र अवस्था में पहुंच चुकी इन बसों की दशा सुधार कर राजधानी की सड़कों पर उतारेगा. ज्ञात हो कि एक जनवरी से राज्य सरकार ने सिटी बसों का परिचालन करने का जिम्मा रांची नगर निगम को देने का आदेश दिया है.
एक जनवरी से निगम नहीं कर पायेगा परिचालन : एक जनवरी से नगर निगम को इन बसों का परिचालन प्रारंभ करना है. बसों की मरम्मत के लिए एसपीवी (स्पेशल परपस व्हीकल) का गठन करना है. जो अब तक नहीं हो पाया है. आचार संहिता लगे होने के कारण चुनाव परिणाम आने के बाद ही इस पर कोई कदम सरकार उठायेगी. इसके अलावा जजर्र बसों के लिए राशि उपलब्ध कराने व उनकी मरम्मत आदि कराने में भी समय लगेगा. इस तरह एक जनवरी से इन बसों का परिचालन करना निगम के लिए असंभव है.
70 में चलती है मात्र 30-35 बसें : जेटीडीसी द्वारा संचालित 70 बसों में से वर्तमान में मात्र 30-35 बसों का परिचालन ही प्रतिदिन हो रहा है. बाकी के बसें डिपो में खड़ी रहती हैं. सूत्रों के अनुसार रूट व निगरानी की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण अधिकतर बसें प्रतिदिन घाटे में चल रही हैं.
अधिकतर बसें खराब
नगर निगम को जेटीडीसी बसें हस्तांतरित करने के पहले सरकार ने इनकी जांच एमवीआइ से करवायी थी. जांच में एमवीआइ ने पाया कि वर्तमान में जो भी बसें चल रही हैं या खड़ी हैं. उनमें से 90 प्रतिशत बसों के टायर व बैटरी खराब हैं. इन बसों को सुबह में स्टार्ट करने के लिए धक्का लगाना पड़ता है. टायर घिसा होने के कारण हर दो दिन में ये बसें पंर होती हैं. कई बसों के शीशे टूटे हुए हैं. सीट भी उखड़ चुकी है. एमवीआइ ने जांच के बाद नगर निगम को इन बसों की मरम्मत पर 1.50 करोड़ रुपये खर्च होने की रिपोर्ट दी थी.