नयी दिल्ली : कांग्रेस ने झारखंड में गठबंधन सरकार बनाने और आगामी लोकसभा चुनाव मिल कर लड़ने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के साथ आज करार किया. झामुमो 2014 के आम चुनाव से पहले संप्रग में शामिल होने वाला पहला दल बन गया.
करार के तहत, जहां झामुमो का राज्य में मुख्यमंत्री होगा, कांग्रेस को लोकसभा की 14 सीटों का बड़ा हिस्सा मिलेगा. कांग्रेस लोकसभा की 10 सीट पर चुनाव लड़ेगी, झामुमो को चार सीट मिलेगी. यह घोषणा झामुमो नेता हेमंत सोरेन ने किया जो झारखंड में कांग्रेस-झामुमो गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री होंगे. सोरेन ने यह घोषणा कांग्रेस मुख्यालय में झारखंड के अखिल भारतीय कांग्रेस समिति महासचिव प्रभारी बी. के. हरिप्रसाद के साथ एक बैठक के बाद की. उल्लेखनीय है कि यह गठबंधन महज झारखंड तक ही सीमित नहीं रहेगा. दोनों पार्टियों ने पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार और छत्तीसगढ़ में भी अगला लोकसभा चुनाव मिल कर लड़ने का फैसला किया है.
सोरेन के पिता शिबू सोरेन देश के एक प्रमुख आदिवासी हस्ती हैं और इन प्रदेशों में, खास तौर पर छत्तीसगढ़ तथा ओडिशा में आदिवासी अच्छी खासी संख्या में है. जहां छत्तीसगढ़ में इस साल चुनाव होने जा रहा है, ओडिशा में अगले साल लोकसभा चुनाव के साथ चुनाव होंगे. इस बीच, हरिप्रसाद ने बताया, ‘‘जहां सहयोगी राजग को छोड़ रहे हैं, नई पार्टियां संप्रग में आ रही हैं.’’ एक बयान में उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों ने ‘‘धर्मनिरपेक्ष एवं प्रगतिशील मूल्यों की सुरक्षा करने और बढ़ावा देने और समाज के कमजोर तबकों के और अधिकारसंपन्न बनाने के लिए’’ गठबंधन बनाने का फैसला किया. आदिवासी बहुल राज्य अजरुन मुंडा नीत भाजपा सरकार के पतन के बाद 18 जनवरी से राष्ट्रपति शासन में था. राष्ट्रपति शासन का काल 18 जुलाई को खत्म हो रहा था.
कांग्रेस और झामुमो ने 2004 का लोकसभा चुनाव मिल कर लड़ा था. भाकपा और राजद भी इस महागठबंधन में शामिल थे. इसने तब 14 में से 13 सीटें अपनी झोली में डाली. 2009 में अगले चुनाव में उन्होंने अलग अलग चुनाव लड़ा था. तब कांग्रेस एक और झामुमो बस दो सीटें जीत पाई थी.
झारखंड विधानसभा भंग करके नए चुनाव कराए जाएं :भाजपा
भाजपा ने आज कहा कि झारखंड में सरकार बनाने के लिए जेएमएम और कांग्रेस के बीच हुआ समझौता ‘‘अवसरवादी और अनैतिक’’ है. उसने कहा कि राज्य में स्थिर शासन लाने के लिए वहां नए सिरे से विधानसभा चुनाव कराने चाहिए. पार्टी के महासचिव राजीव प्रताप रुडी ने कहा, ‘‘यह एक अवसरवादी और अनैतिक गठबंधन है. झारखंड में पिछले 12 साल में 9 सरकारें बन चुकी हैं.
जेएमएम और कांग्रेस के बीच प्रस्तावित गठबंधन ‘लेन-देन’ पर आधारित है. इसमें विश्वसनीयता की कमी है और यह ज्यादा दिन चलने वाला नहीं है.’’ रुडी ने मांग की कि झारखंड विधानसभा को भंग करके नए चुनाव कराए जाएं जिससे कि वहां एक स्थिर सरकार का रास्ता साफ हो सके जिसकी इस राज्य को सख्त जरुरत है.