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सहारा को 2700 करोड़ से अधिक की संपत्तियां बेचने की अनुमति

नयी दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने तिहाड़ जेल में बंद सुब्रत राय सहारा की रिहाई के लिए दस हजार करोड़ रुपये का बंदोबस्त करने के प्रयास में सहारा समूह को अपनी चार घरेलू संपत्तियां बेचने की अनुमति दे दी. इन संपत्तियों की बिक्री से उसे 2160 करोड़ रुपये मिलने की संभावना है. कोर्ट ने सहारा समूह […]

नयी दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने तिहाड़ जेल में बंद सुब्रत राय सहारा की रिहाई के लिए दस हजार करोड़ रुपये का बंदोबस्त करने के प्रयास में सहारा समूह को अपनी चार घरेलू संपत्तियां बेचने की अनुमति दे दी. इन संपत्तियों की बिक्री से उसे 2160 करोड़ रुपये मिलने की संभावना है. कोर्ट ने सहारा समूह को जोधपुर, पुणे, गुड़गांव के चौमा और मुंबई के वसई में अपनी संपत्तियां बेचने की अनुमति प्रदान कर दी. कोर्ट इस तथ्य से संतुष्ट था कि ये सौदे चार जून के आदेश के अनुरूप हैं, जिसमें कहा गया था कि इनकी बिक्री कोर्ट में पेश वक्तव्य में इंगित अनुमानित मूल्य या संबंधित क्षेत्र के निर्धारित सर्किल रेट से कम कीमत पर नहीं हो. जस्टिस तीरथ सिंह ठाकुर की अध्यक्षतावाली खंडपीठ को सूचित किया गया कि इन संपत्तियों की बिक्री की प्रक्रिया मई, 2015 तक पूरी हो जायेगी और इस बीच, खरीदार सेबी-सहारा रिफंड खाते के नाम भविष्य की तारीखों के चेक इस आश्वासन के साथ जमा करायेगा कि अमुक तारीख पर इनका भुगतान हो जायेगा. कोर्ट को यह भी सूचित किया गया कि समूह ने जोधपुर, चौमा और वसई की अपनी संपत्तियों के एवज में आंशिक भुगतान के रूप में 184.5 करोड़ रुपए प्राप्त किये हैं. इसके बाद उसे तीन डिमांड ड्राफ्ट और एक चेक सेबी के वकील को सौंपने की अनुमति दी गयी. पुणे की संपत्ति की बिक्री के बारे में अधिवक्ता राजीव धवन और एस गणेश ने न्यायलय को सूचित किया कि इससे करीब 550 करोड़ रुपये मिलेंगे. उन्होंने कहा कि अपरिहार्य परिस्थितियों के कारण समझौते पर हस्ताक्षर नहीं हो सके हैं और निकट भविष्य में इसे अंतिम रूप दे दिया जायेगा. इस सौदे में अग्रिम भुगतान के रूप में 50 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है.

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