रांची: उत्तराखंड में आयी प्राकृतिक आपदा में केदारनाथ गये बरियातू के 16 तीर्थयात्रियों का कोई सुराग नहीं मिला. सभी के परिजन वहां पर उनको खोजते रहे, पर कुछ जानकारी नहीं मिली. रविवार को सभी रांची लौट आये. लापता बैजनाथ सिंह के पुत्र कृष्णा सिंह, अनिल सिंह के पुत्र बिट्ट और भतीजा पंकज सिंह, मदन नायक के भतीजे सुबोध नायक, लीला कच्छप के पुत्र अनुप कच्छप व विक्की पांडेय ने उत्तराखंड से लौट कर पूरी बात बतायी.
कृष्णा सिंह ने बताया कि वे लोग 21 जून को केदारनाथ पहुंचे. हमने सहशस्त्र धारा, जौली ग्रांट व ऋषिकेश बस अड्डे में अपने परिजनों की काफी खोजबीन की. हमलोग दो-दो का ग्रुप बना कर उन्हें खोजते रहे. सहशस्त्र धारा, जौली ग्रांट हवाई अड्डा व ऋषिकेस बस अड्डा पर लापता लोगों को बरामद कर छोड़ा जा रहा था. बरियातू के 16 लोग सात जून को ट्रेन से दिल्ली गये थे. वहां से सभी टूरिस्ट बस से चार धाम की यात्र पर निकले थे. 15 जून को वे लोग केदारनाथ पहुंचे थे. 16 जून से सभी लोग लापता हैं.
सरकार ने की सहायता
कृष्णा सिंह ने बताया कि 25 जून को झारखंड सरकार के हेलीकॉप्टर ने गोचर हवाई अड्डे पर हमें उतारा. वहां से 60 किलोमीटर दूर बाइपास रोड से हमलोग रूद्र प्रयाग कैंप पहुंचे और अपने लापता परिजनों को खोजबीन की. कहीं कोई सुराग नहीं मिला. हर दिन रूद्रप्रयाग पुलिस कैंप में लापता लोगों की सूची देखते थे, पर निराशा हाथ लगती थी. रूद्रप्रयाग थाना में सभी लापता के संबंध में सनहा दर्ज कराया है. उसकी कॉपी के माध्यम से बरियातू थाना में सनहा दर्ज कराया. इधर, झारखंड के मुख्य सचिव के माध्यम से 30 दिन के बाद मृत लोगों की सूची उत्तराखंड सरकार को भेजनी है. कृष्णा ने बताया कि दो दिन के बाद हमलोग मुख्य सचिव से मिल कर अपनी समस्या बतायेंगे.