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देश के एक चौथाई लोग मानते हैं छुआछूत

एजेंसियां, नयी दिल्ली भारतीय संविधान द्वारा छुआछूत को समाप्त किये भले ही 64 साल हो गये हों, लेकिन समाज में यह बीमारी अब भी मौजूद है. देश भले ही विकसित हो रहा है, लेकिन आप ये जानकर हैरान हो जायेंगे कि अब भी हर 4 भारतीय में से एक भारतीय छुआछूत को मानता है. इस […]

एजेंसियां, नयी दिल्ली भारतीय संविधान द्वारा छुआछूत को समाप्त किये भले ही 64 साल हो गये हों, लेकिन समाज में यह बीमारी अब भी मौजूद है. देश भले ही विकसित हो रहा है, लेकिन आप ये जानकर हैरान हो जायेंगे कि अब भी हर 4 भारतीय में से एक भारतीय छुआछूत को मानता है. इस बात का खुलासा एक सर्वे के जरिये हुआ है.इस सर्वे में जिन लोगों ने छुआछूत की बात को स्वीकारा है वो सभी धर्म या जाति से हैं जिनमें मुसलिम, अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के लोग भी शामिल हैं. अगर जाति की बात की जाये, तो इस सर्वे से ये बात भी सामने आयी है कि सबसे ज्यादा छुआछूत को ब्राह्मण समाज में माना जाता है. वहीं अगर धर्म की बात की जाये तो उसे सबसे पहले हिंदू फिर सिख और जैन धर्म का नाम आता है.इन्होंने किया सर्वेनेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च और यूनिविर्सटी ऑफ मैरिलैंड, अमेरिका द्वारा करीब 42 हजार भारतीय घरों में किया गया सर्वे इस बात का सबूत है. साल 1956 में स्थापित संगठन के इस सर्वे में सामने आये तथ्य काफी चौंकाने वाले हैं. हालांकि इस सर्वे का पूरा रिजल्ट साल 2015 में सामने आने की उम्मीद है.पूछे गये ये सवालइस सर्वे में लोगों से सवालों के जवाब ‘हां या ना’ में देने को कहा गया था. मसलन, क्या आपके घर में छुआछूत को माना जाता है? अगर इस सवाल का जवाब ना में आता है, तो फिर अगला सवाल पूछा गया कि, क्या आप किसी अनुसूचित जाति जनजाति के लोग को अपने किचन में घुसने देंगे? पूरे भारत में करीब 27 फीसदी लोगों ने ये माना कि वह छुआछूत को मानते हैं. जिसमें 52 फीसदी लोग ब्राह्मण समाज से हैं.

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