नागपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने देश में शिक्षा के एक ऐसे मॉडल का निर्माण करने की मांग की है जो वैश्विक रूप से स्वीकार्य शिक्षा का मॉडल हो. जो भारत के समृद्ध प्राचीन अतीत से ली गयी हो, जब देश शिक्षा का एक महान केंद्र था. भागवत ने मंगलवार रात यहां शिक्षाविदें के एक समूह को संबोधित करते हुए कहा कि लोग शिक्षा प्रणाली से खुश नहीं हैं. दुनिया भर में ऐसा मानना है कि शिक्षण एवं अध्ययन के तरीकों में एक व्यापक बदलाव की जरूरत है. वे एक नयी दिशा देने के लिए भारत की तरफ देख रहे हैं, क्योंकि प्राचीन समय में देश शिक्षा का महानतम केंद्र था. आरएसएस प्रमुख ने कहा,’हमने सदियों तक नेतृत्व किया. अब हमें वह स्थान दोबारा पाना होगा.’ अहमदाबाद स्थित पुनरत्थान विद्यापीठ की ओर से आरएएस के रेशिमबाग परिसर में देश भर के 250 प्रतिष्ठित शिक्षाविद् दो दिवसीय सम्मेलन ‘राष्ट्रीय शिक्षा: संकल्पना एवं संरचना’ के लिए जुटे थे.
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वैश्विक रूप से स्वीकार्य शिक्षा मॉडल बने : भागवत
नागपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने देश में शिक्षा के एक ऐसे मॉडल का निर्माण करने की मांग की है जो वैश्विक रूप से स्वीकार्य शिक्षा का मॉडल हो. जो भारत के समृद्ध प्राचीन अतीत से ली गयी हो, जब देश शिक्षा का एक महान केंद्र था. भागवत ने मंगलवार रात यहां […]
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