सरकार पर 60 हजार रुपये का दंड

रांची: राज्य प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रोन्नति के मामले में हाइकोर्ट ने सरकार पर 60 हजार रुपये का दंड लगाया है. न्यायमूर्ति न्यायाधीश एनएन तिवारी की अदालत ने सरकार को यह निर्देश दिया है कि वह दंड की रकम चार सप्ताह के अंदर जयश्री झा को दे. जयश्री झा को भारतीय प्रशासनिक […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 16, 2013 1:32 PM

रांची: राज्य प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रोन्नति के मामले में हाइकोर्ट ने सरकार पर 60 हजार रुपये का दंड लगाया है. न्यायमूर्ति न्यायाधीश एनएन तिवारी की अदालत ने सरकार को यह निर्देश दिया है कि वह दंड की रकम चार सप्ताह के अंदर जयश्री झा को दे. जयश्री झा को भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रोन्नति देने के मामले में लंबे अरसे से विवाद चल रहा है.

सरकार ने जयश्री झा को निंदन और तीन प्रोन्नति रोके जाने की सजा दी थी. इस आधार पर उनका नाम भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रोन्नति के लिए नहीं भेज रही थी. जयश्री झा ने सरकार की इस कार्रवाई को न्यायालय में चुनौती दी थी. मामले की सुनवाई में यह पाया कि वर्ष 1996 में अग्रिम देने और उसे समायोजित नहीं करने के आरोप में विभागीय कार्यवाही शुरू की थी. 16 साल में इस विभागीय कार्यवाही का निबटारा किया.

इस दौरान दो संचालन पदाधिकारी बदले गये. तीसरे संचालन अधिकारी ने किसी तरह विभागीय कार्यवाही समाप्त की और जयश्री झा को दोषी बता दिया. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि जयश्री झा को किन-किन आरोपों के लिए दोषी पाया गया है. इसलिए अदालत ने दंड को निरस्त कर दिया. सरकार ने अपील की, पर फैसला जयश्री झा के पक्ष में गया. इसके बाद सरकार ने एक ही दिन दो आदेश जारी किया.

पहले आदेश से पूर्व में दिये गये दंड को नरस्त कर दिया और दूसरे आदेश से फिर दंड दिया. सरकार की इस कार्रवाई को जयश्री झा ने फिर चुनौती दी. अदालत ने सरकार के इस कदम को गलत बताते हुए 60 हजार रुपये का दंड लगाया. साथ ही भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रोन्नति के लिए उनका नाम भारत सरकार को भेजने का निर्देश दिया. इस निर्देश के बाद सरकार ने उनका नाम प्रोन्नति के लिए भेज दिया है.

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