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प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति क्यों नहीं हुई

रांची : झारखंड हाइकोर्ट में बुधवार को झारखंड प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति नियमावली की धारा 23 को असंवैधानिक घोषित करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने पूछा कि […]

रांची : झारखंड हाइकोर्ट में बुधवार को झारखंड प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति नियमावली की धारा 23 को असंवैधानिक घोषित करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने पूछा कि अब तक नियुक्ति प्रक्रिया क्यों पूरी नहीं हुई है.

यदि पद रिक्त रहता है, तो वेटिंग लिस्ट निकालेंगे या नहीं. क्यों नहीं नियमावली की धारा 23 को असंवैधानिक घोषित किया जाये. शपथ पत्र के माध्यम से 21 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने को कहा गया. खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 दिसंबर की तिथि निर्धारित की.

इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से वरीय अधिवक्ता राजीव शर्मा ने खंडपीठ को बताया कि राज्य के प्राथमिक स्कूलों में 14,435 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया था. लगभग 1.70 लाख लोंगो ने आवेदन दिया. धनबाद, रांची, कोडरमा, बोकारो में जो मेधा सूची जारी की गयी है, उसमें एक अभ्यर्थी का कई जिलों में चयन किया गया है. अभ्यर्थी को किसी एक जिले में ही नियुक्ति होना है. शेष जिलों में वह पद रिक्त रह जायेगा, क्योंकि नियमावली की धारा-23 में वेटिंग लिस्ट जारी करने का कोई प्रावधान नहीं है. रिक्त पद अगले विज्ञापन से भरे जाने की बात कही गयी है. लगभग 10,000 पद रिक्त रह जाने की संभावना है. शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी, जो उनके मौलिक अधिकारों का हनन होगा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी सटेन मंडल व अन्य 80 पारा शिक्षकों ने जनहित याचिका दायर की है.

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