रांची: रातू रोड स्थित देवी मंडप रोड में शक्ति होम नीडस नामक प्रतिष्ठान का संचालक सामान की खरीद के लिए एडवांस के तौर पर लोगों द्वारा जमा कराये गये 50 लाख रुपये से अधिक की राशि लेकर फरार हो गया. घरेलू साजो-सामान के लिए संचालक के पास लोगों ने एडवांस में राशि जमा करायी थी.
सोमवार को संचालक के फरार होने की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में लोग दुकान के पास जमा हो गये और लूटपाट मचाने के बाद वहां हंगामा भी किया. सूचना मिलते ही सुखदेवनगर और पंडरा पुलिस वहां पहुंची. जानकारी के अनुसार सुबह नौ बजे जब लोग सामान लेने के लिए दुकान के सामने जुटे, तो बात फैल गयी की संचालक पैसा लेकर फरार हो गया. इसके बाद भीड़ बढ़ने लगी. देखते ही देखते वहां लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. इसके बाद पहले हंगामा हुआ, फिर अचानक लूटपाट शुरू हो गयी. लूटपाट करनेवालों में ऐसे लोग भी शामिल थे, जिन्होंने पैसा नहीं लगाया था.
क्या थी कंपनी की योजना
दक्षिण भारतीय एस मरियप्पन ने देवी मंडप रोड में शक्ति होम नीड्स नामक प्रतिष्ठान खोल रखा था. यहां घरेलू उपकरणों की खरीद पर 45 प्रतिशत की छूट मिल रही थी. इसके लिए पहले एडवांस में राशि जमा करने का प्रावधान था और 12 दिनों में सामान की डिलिवरी की जाती थी. शुरुआत में कंपनी ने कुछ लोगों को काफी सस्ते दर पर घरेलू सामान उपलब्ध कराया, जिसके बाद वहां लोगों की भीड़ लगने लगी. भीड़ के कारण दो की जगह 10-10 स्टॉफ रसीद काटने के लिए रखे गये थे. भुक्तभोगियों के अनुसार कंपनी के संचालक कन्नड़ भाषा में बात करते थे.
पढ़े-लिखे से लेकर रिक्शा वाले तक ने लगाये पैसे
रिक्शा चालक राजेंद्र उरांव भी सस्ते में मोबाइल के चक्कर में पड़ गया. राजेंद्र ने मोबाइल खरीदने के लिए एक हजार की राशि जमा करायी. वहीं मुस्कान ने शादी की खरीदारी के लिए 70 हजार रुपये जमा कराये थे. इसके अलावा सुनीता देवी ने 17 हजार, सरोज कुमार ने 15 हजार, सुनील साहू ने 80 हजार और नीलम वर्मा ने पांच हजार रुपये जमा किये थे. इन जैसे सैकड़ों लोगों ने राशि जमा करायी थी. सोमवार को ठगी कं शिकार लोग बदहवास थे. वे कभी पुलिसकर्मी, तो कभी संचालक को कोस रहे थे.
छोटे-मोटे सामान देकर पहले जीता विश्वास
स्थानीय लोगों के अनुसार धंधेबाज काफी शातिर थे. गत 20 मई को देवी मंडप रोड में पहले दुकान लगाया. पहले दुकान का प्रचार-प्रसार किया. पहले 15 दिनों तक दुकानदार ने लोगों को किचन के छोटे-मोटे सामान सस्ते दर पर दिया. कुछ लोगों ने मोबाइल व दूसरे चीजों के लिए एडवांस दिये थे. दुकानदार ने सामान नहीं आने की बात कह पैसे भी लौटा दिये. इससे ग्राहक दुकानदार पर विश्वास करने लगे और बड़ी राशि एडवांस में सामान के लिए देने लगे.