नयी दिल्ली. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने इंटरकनेक्ट शुल्क की समीक्षा की प्रक्रिया शुरू की है. एक दूरसंचार ऑपरेटर द्वारा दूसरे सेवा प्रदाता की नेटवर्क कॉल को पूरा करने के लिए जो भुगतान किया जाता है, उसे इंटरकनेक्ट शुल्क कहा जाता है. ट्राई ने 2003 में पहली बार इंटकनेक्ट यूसेज चार्ज (आइयूसी) की रूपरेखा तय की थी. उसके बाद 2006 व 2009 मंे इस शुल्क मंे संशोधन किया गया. मौजूदा आइयूसी व्यवस्था को 2009 मंे अधिसूचित किया गया था. फिलहाल मोबाइल कॉल टर्मिनेशन शुल्क स्थानीय व राष्ट्रीय लंबी दूरी की कॉल के लिए 20 पैसे प्रति मिनट है. इसका मतलब है कि एक दूरसंचार कंपनी को जिस कंपनी के नेटवर्क पर कॉल की गयी है, को आइयूसी का भुगतान करना होगा. इनकमिंग अंतरराष्ट्रीय लंबी दूरी की कॉल्स के लिए टर्मिनेशन शुल्क 40 पैसे प्रति मिनट है.
ट्राई ने इंटरकनेक्ट शुल्क की समीक्षा शुरू की
नयी दिल्ली. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने इंटरकनेक्ट शुल्क की समीक्षा की प्रक्रिया शुरू की है. एक दूरसंचार ऑपरेटर द्वारा दूसरे सेवा प्रदाता की नेटवर्क कॉल को पूरा करने के लिए जो भुगतान किया जाता है, उसे इंटरकनेक्ट शुल्क कहा जाता है. ट्राई ने 2003 में पहली बार इंटकनेक्ट यूसेज चार्ज (आइयूसी) की रूपरेखा […]
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