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तलाक के बाद अचल संपत्ति में भी मिलेगा पत्नी को हिस्सा

महिलाओं का हितैषी होगा नया विवाह कानून, मसौदा तैयारविधि मंत्रालय ने मांगी ने कैबिनेट नोट पर मांगी रायएजेंसियां, नयी दिल्लीकेंद्र सरकार विवाह कानून में कुछ अहम बदलाव करने की तैयारी कर रही है. प्रस्तावित कानून के तहत तलाक की स्थिति में पति की अचल संपत्ति में से पत्नी और बच्चों को भी हिस्सा मिलेगा, हालांकि […]

महिलाओं का हितैषी होगा नया विवाह कानून, मसौदा तैयारविधि मंत्रालय ने मांगी ने कैबिनेट नोट पर मांगी रायएजेंसियां, नयी दिल्लीकेंद्र सरकार विवाह कानून में कुछ अहम बदलाव करने की तैयारी कर रही है. प्रस्तावित कानून के तहत तलाक की स्थिति में पति की अचल संपत्ति में से पत्नी और बच्चों को भी हिस्सा मिलेगा, हालांकि इसकी राशि पर फैसला कोर्ट करेगा. कानून मंत्रालय ने विवाह कानून (संशोधन) बिल पर कैबिनेट नोट तैयार किया है और इस पर मंत्रालयों से राय मांगी गयी है. फीडबैक मिलने के बाद नये कानून मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा इस मसौदे को अंतिम मंजूरी के लिए कैबिनेट में ले जायेंगे.क्या है मसौदे मेंइस प्रस्तावित बिल के मुताबिक तलाक के लंबित मामलों में तेजी लाने के लिए अदालतों के अधिकार भी बढ़ाये गये हैं. इसके तहत तलाक के लिए अदालत पहुंच पति या पत्नी को अधिकतम तीन साल के भीतर एक और संयुक्त आवेदन देना होगा, जिस पर दोनों पक्षों की तलाक के लिए सहमति होनी चाहिए. ऐसा होने पर कोर्ट खुद फैसला सुना सकती है, लेकिन अगर संयुक्त आवेदन दे दिया जाता है, तो पति पत्नी के लिए छह से 18 महीने का वेटिंग पीरियड कायम रहेगा. पास नहीं करवा पायी थी यूपीए सरकारयूपीए सरकार चार साल तक इस बिल को पारित करवाने के लिए संघर्ष करती रही. राज्यसभा में 2010 में पहली बार इसे पेश किया गया था. संशोधनों के लिए चार बार तत्कालीन कैबिनेट में गया. आखिरकार अगस्त 2013 में राज्यसभा में यह बिल पारित हुआ. लेकिन लोकसभा में अटक गया. 15वीं लोकसभा भंग होते ही विधेयक भी रद्द हो गया.बदल जायेगा पुराना कानून मौजूदा मसौदा भी पुराने बिल की तर्ज पर ही बना है. मंत्रालयों की राय के बाद इसमें कुछ बदलाव किये जा सकते हैं. इस प्रस्ताव के जरिये हिंदू मैरिज एक्ट 1955 और स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 में संशोधन किये जाने हैं. इसमें पहली बार शादी बचाने की सभी संभावनाओं के खत्म होने पर तलाक का विकल्प शामिल किया गया है.

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