झारखंड में हालात देश में दूसरे राज्यों की तुलना में बदतर है. बिहार से अलग होने के बाद लोगों में उम्मीद जगी थी कि इस क्षेत्र का तेजी से विकास होगा. लोग बेहतर जीवन जी सकेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. आज हमसे बेहतर स्थिति में बिहार होता जा रहा है. झारखंड में नेताओं के पास अपनी सरकार बनाने या बचाने के अलावा किसी और चीज के लिए समय नहीं मिला. कोई भी स्थिर सरकार राज्य में अब तक नहीं बन पायी. गंठबंधन भी सही तरीके से नहीं चले. छोटे दलों या निर्दलीयों ने अपनी मरजी चलायी. इसका खामियाजा हम भुगत रहे हैं. हमारे पास इस बार चुनावों में स्थिति सुधारने का बेहतर मौका है. जैसे केंद्र में एक दल की बहुमत वाली सरकार आयी है, उसी तरह हमें झारखंड में भी एक दल को सरकार में लाना होगा. तभी हालात सुधरेंगे. ऐसी सरकार से लोग सवाल भी पूछ सकेंगे. अभी तो नेता दूसरे के माथे पर ठीकरा फोड़ रहे हैं. मनोज बजाज, व्यवसायी
राज्य में बहुमत वाली सरकार जरूरी (आपकी राय)
झारखंड में हालात देश में दूसरे राज्यों की तुलना में बदतर है. बिहार से अलग होने के बाद लोगों में उम्मीद जगी थी कि इस क्षेत्र का तेजी से विकास होगा. लोग बेहतर जीवन जी सकेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. आज हमसे बेहतर स्थिति में बिहार होता जा रहा है. झारखंड में नेताओं के पास […]
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