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‘फाइली’ ने ‘एलियन वर्ल्ड’ से भेजा अंतिम डाटा

एजेंसियां, पेरिसरोबोट प्रोब ‘फाइली’ ने निष्क्रिय होने से पहले सुदूर अंतरिक्ष में मौजूद एक धूमकेतु से धरती पर अंतिम मिनट का डाटा भेजा है. यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (इएसए) के रोसेटा उपग्रह ने बुधवार को ‘फाइली लैंडर’ को धूमकेतु 67पी की सतह पर पहुंचाया था.यूरोप की अग्रणी रोबोट प्रयोगशाला के शुक्रवार की देर रात रोसेटा से […]

एजेंसियां, पेरिसरोबोट प्रोब ‘फाइली’ ने निष्क्रिय होने से पहले सुदूर अंतरिक्ष में मौजूद एक धूमकेतु से धरती पर अंतिम मिनट का डाटा भेजा है. यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (इएसए) के रोसेटा उपग्रह ने बुधवार को ‘फाइली लैंडर’ को धूमकेतु 67पी की सतह पर पहुंचाया था.यूरोप की अग्रणी रोबोट प्रयोगशाला के शुक्रवार की देर रात रोसेटा से पुन: संपर्क स्थापित होते ही डाटा धरती पर पहुंचा, लेकिन इसकी सीमित बैटरी ने जल्द की दम तोड़ना शुरू कर दिया. रेफ्रिजरेटर के आकार वाले फाइली लैंडर के नाम से आधिकारिक ट्वीट में कहा गया, धूमकेतु 67पी पर मेरा जीवन अभी-अभी शुरू हुआ है. रोसेटा की तरफ से जवाबी ट्वीट में कहा गया, ओके. फाइली, मुझे यह मिल गया है, आराम करो.ब्यौरे को भेजने में सफल रहाइएसए ने कहा कि तसवीरें लेने, धूमकेतु के घनत्व, तापमान, बनावट और वातावरण की जांच के लिए तीन दिन तक अनवरत काम करने के बाद इसकी रोबोट प्रयोगशाला ‘निष्क्रिय अवस्था’ में पहुंच गयी है. सभी उपकरण और अधिकांश प्रणालियां बंद हो गयी हैं. एक बयान में कहा गया, निष्क्रिय होने से पहले लैंडर अपने जुटाये गये सभी वैज्ञानिक ब्यौरे को भेजने में सफल रहा. लैंडर और इसके डाटा को प्रसारित करने वाले रोसेटा उपग्रह में हर रोज केवल दो संचार खिड़कियां काम कर रही थीं. इनमें से अंतिम शुक्रवार को भारतीय समयानुसार रात 12 बजकर 30 मिनट पर खुली और धूमकेतु के पीछे कक्षा में चक्कर लगाते रोसेटा के अदृश्य होते ही भारतीय समयानुसार अगली सुबह छह बजकर छह मिनट पर यह संचार खिड़की बंद हो गयी.सूर्य से ऊर्जा पाकर दोबारा करेगा काममिशन नियंत्रकों को आशंका थी कि हो सकता है कि रोबोट के पास इतनी ऊर्जा न हो कि इस खिड़की के दौरान उससे संपर्क स्थापित हो सके, लेकिन वे आश्चर्यचकित रह गये. इएसए ऑपरेशंस ने संपर्क स्थापित होने पर ट्वीट किया, ‘साइंस फ्रॉम एन एलियन वर्ल्ड.’ अब ‘फाइली’ से सूचनाएं मिल रही हैं. ‘फाइली’ के एक अंधेरी खाई में उतरने के चलते इसे अपनी बैटरियों को चार्ज करने के लिए सूर्य का पर्याप्त प्रकाश नहीं मिल सका. मिशन इंजीनियरों को हालांकि अब भी उम्मीद है कि धमकेतु के सूर्य के नजदीक जाने पर आगामी महीनों में लैंडर से कभी न कभी संपर्क हो सकता है. फाइली वर्तमान में धरती से 51 करोड़ किलोमीटर दूर है. रोसेटा ने सात घंटे के प्रयास के बाद बुधवार को ‘फाइलेी’ को 20 किलोमीटर की दूरी से धूमकेतु की सतह पर गिराया था. उपग्रह एक दशक से अधिक समय के सफर के बाद धूमकेतु से मिलने इस साल अगस्त में उसके पास पहुंचा था और इसने 6.5 अरब किलोमीटर की दूरी तय की थी.

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