महाराष्ट्र विधानसभा. कांग्रेस और शिव सेना ने बताया काला दिनएकनाथ शिंदे बने सदन में नेता विपक्ष एजेंसियां, मुंबईदेवेंद्र फडणवीस के नेतृत्ववाली 13 दिन पुरानी भाजपा सरकार ने महाराष्ट्र विधानसभा में बुधवार को पूर्व सहयोगी शिव सेना के विरोध के बीच ध्वनि मत से विश्वास मत जती लिया. विधायक आशीष शेलार द्वारा रखा गया विश्वास मत प्रस्ताव सदन में पारित हो गया, जहां सत्तारूढ़ सरकार अल्पमत में है. विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागड़े ने शोर-शराबे के बीच ‘विश्वास मत पारित हो गया है’ की घोषणा की. हालांकि, कांग्रेस और शिव सेना ने इसे काला दिन बताते हुए कहा कि फडणवीस को दोबारा विश्वास मत पास कराना चाहिए. दोनों पार्टियों ने राज्यपाल से शिकायत करने की भी बात कही. भाजपा ने एक रणनीति के तहत विश्वास मत में मत विभाजन के बजाय ध्वनि मत का सहारा लिया. इसके लिए भाजपा ने राकांपा की मदद ली और वह मदद लेते दिखी भी नहीं. विश्वास मत के बाद जब राकांपा नेता से पूछा गया कि उन्होंने सरकार के पक्ष में वोट दिया या विपक्ष में, तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. लेकिन राकांपा की मदद के बिना भाजपा की सरकार विश्वास मत हासिल नहीं कर सकती थी, क्योंकि उसके पास पर्याप्त विधायकों की संख्या नहीं थी. नयी सरकार लोकतंत्र का गला घोंट रही : शिंदे शिव सेना के आक्रोशित सदस्यों की मांग पर विधानसभा अध्यक्ष ने एकनाथ शिंदे को सदन में नेता विपक्ष नियुक्त करने की घोषणा की. शिंदे के नेतृत्व में शिव सेना विधायकों ने विश्वास मत को ध्वनि मत से पारित किये जाने को लेकर विरोध दर्ज कराया और कहा कि यह ‘लोकतंत्र का गला घोंटे जाने’ के समान है. कहा कि सदन नियमों और संविधान के मुताबिक चलना चाहिए और इसे कुचला नहीं जाना चाहिए. नयी सरकार लोकतंत्र का गला घोंट रही है. हमने मत विभाजन की मांग की थी, लेकिन विश्वास मत ध्वनि मत से पारित कर दिया गया. उनके तर्क को खारिज करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘मुद्दा खत्म हो गया है. विश्वास मत पारित हो गया है.’ मुख्यमंत्री फडणवीस ने मुद्दे पर शिंदे से कहा, ‘यद्यपि आपके नाम के पद के साथ विपक्ष शब्द जुड़ा है, लेकिन आपसे उम्मीद यह है कि आपको हर चीज और हर मुद्दे का विरोध नहीं करना चाहिए तथा लोक हित के फैसलों में सरकार का समर्थन करना चाहिए.’कोटविश्वास मत को ध्वनि मत से पारित किया जाना ‘अभूतपूर्व’ है. सरकार को मत विभाजन के जरिये नये सिरे से विश्वास हासिल करना चाहिए. महाराष्ट्र में लोकतांत्रिक प्रक्रिया में यह एक काला दिन है. ध्वनि मत से कभी भी विश्वास मत पारित नहीं हुआ है. जब तक सरकार मत विभाजन के जरिये विधानसभा में बहुमत साबित नहीं करती, तब तक सरकार अवैध है.पृथ्वीराज चव्हाण, पूर्व मुख्यमंत्रीप्रस्ताव पारित नहीं हुआ है, क्योंकि मत विभाजन नहीं हुआ. अल्पमत की सरकार होने के नाते प्रस्ताव को मत विभाजन के जरिये पारित कराना सरकार का दायित्व था. उनके पास (बहुमत से) करीब 25 विधायक कम हैं. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार संसद में एक वोट से गिर गयी थी. हम बहुमत की जोड़तोड़ के सभी प्रयासों को विफल कर देंगे और तब तक विधानसभा नहीं चलने देंगे, जब तक कि सरकार नये सिरे से विश्वास मत हासिल नहीं कर लेती. पार्टी विधायक औपचारिक शिकायत दर्ज कराने के लिए राज्यपाल सी विद्यासागर राव से मिलेंगे.माणिक राव ठाकरे, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष विधानसभा आज कलंकित हो गयी. क्योंकि सरकार के पास सदन में बहुमत नहीं है, इसलिए उसने विश्वास मत के लिए हेरफेर किया. मत विभाजन से यह स्पष्ट होता कि क्या उनके पास अधिकतर विधायकों का समर्थन है. विश्वास मत पारित नहीं हुआ है. वह राकांपा, जिसने सरकार को बाहर से समर्थन देने की घोषणा की है, सहित सभी गैर भाजपा विधायकों से बात करेंगे कि क्या उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाना चाहिए. भाजपा सरकार ने जो किया है, उसके लिए महाराष्ट्र के लोग भाजपा सरकार को माफ नहीं करेंगे.रामदास कदम, नेता, शिव सेना
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फडणवीस ने जीता विश्वास मत
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