रांची: झारखंड राज्य महिला आयोग में राजधानी के एक दर्जन से अधिक मामलों की सुनवाई मंगलवार को की गयी. डॉ महुआ माजी की अध्यक्षता में पुनर्गठित आयोग के कार्यकाल का एक वर्ष भी मंगलवार को पूरा हो गया. सुनवाई के लिए अध्यक्ष डॉ माजी उपस्थित नहीं थीं.
उनकी अनुपस्थिति में आयोग की सदस्य किरण कुमारी और शबनम परवीन ने महिला उत्पीड़न, जमीन विवाद, प्रेम प्रसंग, शारीरिक शोषण और पति प्रताड़ना से जुड़े मामलों की सुनवाई की. आधा दर्जन से अधिक मामलों में बुधवार को सुनवाई की प्रक्रिया पूरी की जायेगी. आयोग ने कई मामलों में फैसला सुनाया. पीड़ित पक्ष की अपील पर उन्हें राहत दिये जाने की बातें भी कही गयीं.
पति से प्रताड़ित महिला ने लगायी गुहार
प्रेम विवाह के एक मामले में पीड़िता ने अपने पति पर गुजारा भत्ता दिये जाने और उसके साथ नहीं रहने की याचिका दायर की थी. आयोग ने रांची की मुसलिम युवती के आवेदन पर पति को गुजारा भत्ता दिये जाने का निर्देश दिया. पीड़िता का कहना था कि उसका विवाह आठ वर्ष पहले हुआ था. एक बच्च भी है, पर पति की ओर से ध्यान नहीं दिये जाने से वह परेशान है. आयोग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी पति को गुजारा भत्ता दिये जाने और पत्नी से अलग रहने का फैसला दिया. दोनों पक्षों को सुनवाई के लिए बुलाया गया था.