रांची: झारखंड दूसरे राज्यों से आनेवाली बीजों पर निर्भर होता जा रहा है. पिछले कुछ वर्षो में किसानों को बड़ी मात्र में दूसरे राज्यों के बीज उपलब्ध कराये जा रहे हैं. किसानों को सब्सिडी पर बीज मिल रहा है. इस कारण उनका पारंपरिक बीज समाप्त होता जा रहा है. राज्य की बीज प्रक्षेत्रों की स्थिति खराब है. वहां बीज उत्पादन हो नहीं रहा है.
बीएयू से होनेवाले अनुसंधान किसान के खेतों तक नहीं पहुंच रहे हैं. राज्य सरकार भी किसानों को मुफ्त या सब्सिडी में बीज उपलब्ध कराने पर बड़ी राशि खर्च कर रही है. सरकार पिछले सात साल में राज्य में चार लाख क्विंटल से अधिक बीज बांट चुकी है.
2007-08 से अब तक तीन लाख 67 हजार क्विंटल प्रमाणित बीज और करीब नौ हजार क्विंटल हाइब्रिड बीज बांट चुकी है. बीज किसानों को बीज विनिमय स्कीम या 75 फीसदी सब्सिडी पर दी गयी है. 2007-08 में 60 हजार क्विंटल बीज किसानों के बीच बांटा गया था. 2012-13 में यह एक लाख 31 हजार क्विंटल तक पहुंच गयी है. सरकार धान के साथ-साथ सब्जी और अन्य फसलों के बीज भी किसानों को दे रही है.