नयी दिल्ली. दिल्ली की एक अदालत ने नेशनल इंश्योरेंस कंपनी (एनआइसी) घोटाले से जुड़े सात में से एक मामले में दो लोकसेवकों सहित पांच व्यक्तियों को चार साल की सश्रम कैद की सजा सुनाई है. अदालत ने इस मामले में भ्रष्टाचार की स्थिति पर टिप्पणी करते हुये कहा कि यदि इस समस्या से नहीं निबटा गया तो इससे समाज लगातार कमजोर होकर खत्म हो जायेगा.विशेष सीबीआइ न्यायाधीश कंवलजीत अरोडा ने एनआईसी के तत्कालीन सहायक प्रबंधकों- जी सी गुप्ता और वी पी पांधी को सजा सुनाई और कहा कि भ्रष्टाचार किसी भी आर्थिक तंत्र के कुशल कामकाज पर असर डालता है और सफलता के रास्ते के रूप में गुणवत्ता पर निर्भरता को हतोत्साहित करता है.न्यायाधीश ने अन्य तीन व्यक्तियों – मुनीश यादव, अरविंद कुमार शर्मा और पी सी मोहन को भी सजा सुनाई और कहा, ‘भ्रष्टाचार से यदि नहीं निबटा गया तो उससे समाज लगातार कमजोर होते हुए खत्म हो जायेगा.’ ये सभी पांच लोग एक मरीन पॉलिसी पर दावा करने के लिए 1997-98 में फर्जी दस्तावेज बना कर साजिश रचने के जुर्म में दोषी ठहराये गये हैं. उनके इस कृत्य से एनआइसी को 2,32,000 रुपये का नुकसान हुआ.
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‘भ्रष्टाचार से नहीं निबटा गया तो सब खत्म’
नयी दिल्ली. दिल्ली की एक अदालत ने नेशनल इंश्योरेंस कंपनी (एनआइसी) घोटाले से जुड़े सात में से एक मामले में दो लोकसेवकों सहित पांच व्यक्तियों को चार साल की सश्रम कैद की सजा सुनाई है. अदालत ने इस मामले में भ्रष्टाचार की स्थिति पर टिप्पणी करते हुये कहा कि यदि इस समस्या से नहीं निबटा […]
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