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चीन से बेखौफ. भारत दक्षिण चीन सागर में उपस्थिति बढ़ायेगा

वियतनाम देगा दो तेल ब्लॉकभारत-वियतनाम के बीच कई समझौतेरक्षा, अंतरिक्ष, सामुद्रिक सुरक्षा, व्यापार व आतंकवाद निरोधी मुद्दों पर सहमतिपड़ोसी देशों के बीच शांति के लिए साझेदारी जरूरीभारतीय जहाज एजेंसियां, नयी दिल्लीचीन की आपत्तियों को दरकिनार कर भारत ने हाइड्रोकार्बन समृद्ध दक्षिण चीन सागर में अपनी उपस्थिति बढ़ाने का निर्णय करते हुए आज वियतनाम के साथ […]

वियतनाम देगा दो तेल ब्लॉकभारत-वियतनाम के बीच कई समझौतेरक्षा, अंतरिक्ष, सामुद्रिक सुरक्षा, व्यापार व आतंकवाद निरोधी मुद्दों पर सहमतिपड़ोसी देशों के बीच शांति के लिए साझेदारी जरूरीभारतीय जहाज एजेंसियां, नयी दिल्लीचीन की आपत्तियों को दरकिनार कर भारत ने हाइड्रोकार्बन समृद्ध दक्षिण चीन सागर में अपनी उपस्थिति बढ़ाने का निर्णय करते हुए आज वियतनाम के साथ वहां दो अतिरिक्त तेल और गैस ब्लॉक अन्वेषण संबंधी समझौते किये. इसके साथ ही भारत ने दक्षिण चीन सागर के इस महत्वपूर्ण देश वियतनाम के साथ रक्षा, सामुद्रिक सुरक्षा, व्यापार और आतंकवाद निरोधी समझौतों पर भी हस्ताक्षर किये. भारत की यात्रा पर आये वियतनाम के प्रधानमंत्री न्यून तंग जुंग के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मोदी ने कहा, ‘मैंने वियतनाम द्वारा तेल और गैस के क्षेत्र में भारत के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए दिखायी गयी प्रतिबद्धता और नये अन्वेषण ब्लॉक के प्रस्ताव के लिए प्रधानमंत्री जुंग का धन्यवाद किया. इस क्षेत्र में और इससे जुड़े उद्योग में हम निश्चित रूप से आगे बढ़ेंगे.’ दक्षिण चीन सागर पर चीन की दावेदारी के बीच प्रधानमंत्री ने कहा, ‘सामुद्रिक सुरक्षा में हमारे (भारत और वियतनाम) समान हित हैं. हम दोनों यह विश्वास करते हैं कि सामुद्रिक व्यापार और परिवहन में कोई बाधा नहीं होनी चाहिए और हर विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से अंतरराष्ट्रीय कानूनोें के आधार पर सुलझाना चाहिए.’ उन्होंने कहा, यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में अपनी सक्रियता बढ़ाने के प्रयासों के तहत वियतनाम को प्रमुख दर्जा दिया गया है. इसके चलते राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सिंतबर में वियतनाम की बहुत सफल यात्रा की और अगस्त में हमारी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज वहां गयीं.रक्षा क्षेत्र में वियतनाम को पूरा सहयोगरक्षा क्षेत्र में वियतनाम के साथ सहयोग को भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि वियतनाम की सेना और सुरक्षा बलों को आधुनिक बनाने के लिए भारत प्रतिबद्ध है. इसके अंतर्गत दोनों देश के बीच चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों, संयुक्त अभ्यास और रक्षा उपकरणों में सहयोग का विस्तार किया जायेगा.एशिया प्रशांत क्षेत्र में सक्रियता बढ़ायीमोदी ने कहा कि उनके नेतृत्व में नयी सरकार बनने के बाद ‘हमने शीघ्रता से एशिया प्रशांत क्षेत्र में अपनी सक्रियता को बढ़ाया है, क्योंकि यह क्षेत्र भारत के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.’ उन्होंने कहा, ‘आज, दोनों देशों (भारत और वियतनाम) की समृद्धि को बढ़ाने और हमारे पास-पड़ोस शांति एवं स्थिरता कायम करने के लिए हमारी साझेदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है.’ प्रधानमंत्री ने कहा कि वियतनाम के प्रधानमंत्री के साथ हुई वार्ता में हमारे क्षेत्र की स्थिति और हमारे रिश्तों को कैसे प्रगाढ़ बनाया जाये, इन सबके संबंध में ‘उनके (जुंग) और मेरे विचारों में बहुत समानता है.’भारतीय जहाज वियतनाम जा सकेंगे वियतनाम के प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका देश भारत के जहाजों को अपने यहां आने का निमंत्रण देना जारी रखेगा. उल्लेखनीय है कि लगभग एक महीना पहले वियतनाम बंदरगाह जा रहे भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस एरावत को चीन ने अपने जलक्षेत्र से बाहर जाने को कहा था. मोदी ने कहा, ‘हम जल्द ही 100 मिलियन डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट को ऑपरेशनलाइज करेंगे जिससे वियतनाम भारत से नये नौसैनिक वाहन प्राप्त कर सके. आतंकवाद निरोध सहित सुरक्षा क्षेत्र में आपसी सहयोग को बढाने के लिए हमने सहमति जतायी है. हम अंतरिक्ष क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ाने पर भी सहमत हुए हैं. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ घोषित किये जाने के भारत के प्रस्ताव को सह-प्रायोजित करने के लिए वियतनाम के प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह कहते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है कि प्रधानमंत्री जुंग की यात्रा से न केवल हमारी पांरपरिक मित्रता मजबूत हुई है, बल्कि हमारी सामरिक साझेदारी को भी एक नयी ऊंचाई और गति मिली है.’

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