नयी दिल्ली. भारतीय अर्थव्यवस्था में कितना काला धन मौजूद है इस बात का हाल फिलहाल तो कोई रिकॉर्ड नहीं है. लेकिन 2011 में सरकार ने तीन संस्थाओं (एनआइपीएफपी, एनआइएफएम, एनसीएइआर) के संयुक्त अध्ययन के जरिये इसे पता लगाने की कोशिश जरूर की थी. इस अध्ययन की मदद से सरकार भारतीय संस्थाओं की देश व विदेश में मौजूद संपित्त का पता लगाने की कोशिश में है, लेकिन अभी तक इसकी फाइनल रिपोर्ट सरकार को नहीं मिली है.वहीं 2013 में पेश की गयी विकासशील देशों की अवैध वित्तीय प्रवाह की रिपोर्ट के मुताबिक अवैध धन के मामले में भारत साल 2002-2011 के बीच पांचवें स्थान पर रहा. इस दौरान ये रकम 343.04 बिलियन अमेरिकी डॉलर ( 21,039,500,800,000 रुपये) रही. वहीं साल 2011 में 84.93 बिलियन डॉलर्स काला धन देश से बाहर भेजने के बाद भारत तीसरे नंबर पर आ गया. ये भी हैं आंकड़ेवाशिंगटन की ग्लोबल फाइनेंशियल इंटीग्रिटी अध्ययन संस्था के मुताबिक भारत ने साल 1948-2008 के बीच 462 बिलियन डॉलर(28 लाख करोड़) विदेश भेजे हैं. वहीं पूर्व सीबीआइ निदेशक जोगिंदर सिंह के मुताबिक 31.4 लाख करोड़ रूपये विदेश भेजे गये हैं.
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21,039,500,800,000 रुपये काला धन
नयी दिल्ली. भारतीय अर्थव्यवस्था में कितना काला धन मौजूद है इस बात का हाल फिलहाल तो कोई रिकॉर्ड नहीं है. लेकिन 2011 में सरकार ने तीन संस्थाओं (एनआइपीएफपी, एनआइएफएम, एनसीएइआर) के संयुक्त अध्ययन के जरिये इसे पता लगाने की कोशिश जरूर की थी. इस अध्ययन की मदद से सरकार भारतीय संस्थाओं की देश व विदेश […]
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