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आठ हजार शिक्षकों को नहीं मिली प्रोन्नति

प्रोन्नति के प्रस्ताव को तीन बार विधि विभाग की मिली स्वीकृति अगस्त 2013 में वित्त विभाग ने भी दी थी अपनी सहमति कैबिनेट की स्वीकृति के लिए तैयार हुआ था संलेख आचार संहिता के कारण लटका प्रोन्नति का मामला संवाददाता रांची. राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालय के आठ हजार शिक्षकों को सरकार प्रोन्नति नहीं […]

प्रोन्नति के प्रस्ताव को तीन बार विधि विभाग की मिली स्वीकृति अगस्त 2013 में वित्त विभाग ने भी दी थी अपनी सहमति कैबिनेट की स्वीकृति के लिए तैयार हुआ था संलेख आचार संहिता के कारण लटका प्रोन्नति का मामला संवाददाता रांची. राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालय के आठ हजार शिक्षकों को सरकार प्रोन्नति नहीं दे सकी. मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री के बार-बार आश्वासन के बाद भी प्रोन्नति की फाइल विभागों का चक्कर काटती रही. दिसंबर 2013 में भी शिक्षक प्रोन्नति का मामला विधानसभा में उठा था. शिक्षा मंत्री ने विधानसभा में शिक्षकों को जल्द प्रोन्नति देने की घोषणा की थी. शिक्षा मंत्री ने विधानसभा सत्र समाप्त होने के बाद पहली कैबिनेट की बैठक में प्रोन्नति को सहमति देने का आश्वासन दिया था. 16 अक्तूबर को शिक्षकों से वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री ने भी 20 अक्तूबर को कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव को स्वीकृत करने का आश्वासन दिया था. इसके बाद भी शिक्षकों की प्रोन्नति का प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में नहीं रखा गया. इस दौरान प्रस्ताव को विधि विभाग ने तीन वित्त विभाग ने एक बार अपनी सहमति दी. जुलाई 2014 में प्रोन्नति का प्रस्ताव कैबिनेट में भेजने के लिए संलेख तैयार कर लिया गया था, इस दौरान शिक्षा सचिव का स्थानांतरण हो गया. नये शिक्षा सचिव ने प्रस्ताव के कुछ बिंदुओं पर जानकारी मांगी. इसके बाद से प्रस्ताव लंबित है. वित्तीय खर्च कराया आकलन प्रोन्नति को लेकर प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने वित्तीय खर्च का आकलन कराया था. सभी जिलों के जिला शिक्षा अधीक्षकों को प्रोन्नति पाने वाले शिक्षकों के नाम व वित्तीय खर्च का आकलन कर रिपोर्ट देने को कहा गया था. शिक्षकों की प्रोन्नति पर लगभग 72 करोड़ के खर्च का आकलन किया गया था. एक हजार शिक्षक बनते हेडमास्टर शिक्षकों को प्रोन्नति मिलने से राज्य के लगभग एक हजार शिक्षक मध्य विद्यालय में प्रधानाध्यापक बन जाते. राज्य के मध्य विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के 3078 पद स्वीकृत है. इनमें से वर्तमान में 275 विद्यालयों में स्थायी प्रधानाध्यापक हैं. लोहरदगा व हजारीबाग जिले में एक भी विद्यालय में प्रधानाध्यापक नहीं है. प्रधानाध्यापकों की कमी के कारण शैक्षणिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं. कोट सरकार एक वर्ष से शिक्षकों को प्रोन्नति देने का आश्वासन दे रही थी, पर शिक्षकों को प्रोन्नति नहीं मिली. प्रोन्नति नहीं मिलने से शिक्षकों में काफी आक्रोश है. मुख्यमंत्री ने भी वार्ता के दौरान 16 अक्तूबर को प्रोन्नति के प्रस्ताव को कैबिनेट से स्वीकृत कराने का आश्वासन दिया था. शिक्षा मंत्री ने गत वर्ष विधानसभा में जल्द प्रोन्नति देने की बात कही थी. इसके बाद भी शिक्षकों को प्रोन्नति नहीं मिली. अब इस सरकार में शिक्षकों को प्रोन्नति नहीं मिल पायेगी. राममूर्ति ठाकुर, महासचिव, अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ

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