बेटियां अब कमजोर नहीं : तारा शाहदेव

रांची/जमशेदपुर : नेशनल शूटर तारा शाहदेव ने कहा कि बेटियां कमजोर नहीं हैं, बल्कि सामाजिक बंदिशों और पारिवारिक दबाव ने उन्हें कमजोर बना दिया है. बेटियों के प्रति माता-पिता को अपना नजरिया बदलने की जरूरत है. बेटों की तरह ही बेटियों को स्वतंत्र निर्णय लेने का अधिकार देना चाहिए. बुधवार को एक कार्यक्रम में शामिल […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 23, 2014 5:30 AM
रांची/जमशेदपुर : नेशनल शूटर तारा शाहदेव ने कहा कि बेटियां कमजोर नहीं हैं, बल्कि सामाजिक बंदिशों और पारिवारिक दबाव ने उन्हें कमजोर बना दिया है. बेटियों के प्रति माता-पिता को अपना नजरिया बदलने की जरूरत है. बेटों की तरह ही बेटियों को स्वतंत्र निर्णय लेने का अधिकार देना चाहिए.
बुधवार को एक कार्यक्रम में शामिल होने शहर आयीं तारा शाहदेव ने ‘प्रभात खबर’ से बातचीत में कहा कि बेटियों को बेटों की अपेक्षा ज्यादा अनुशासन और टोका-टोकी के बीच जीना पड़ता है. इससे उनकी निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होती है. यही कारण है कि उनके साथ अन्याय होने पर भी वह विरोध करने की अपेक्षा सहन करने की आदी हो जाती हैं.
तारा ने कहा कि अगर कोई लड़की अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत जुटाती है तो इसके पीछे उसकी मां की प्रेरणा होती है. मैंने अन्याय के खिलाफ आवाज उठायी, लेकिन काफी कुछ सहा भी. तारा ने कहा कि अगर भविष्य में किसी भी महिला के साथ अन्याय होता है तो मैं उनका खुल कर साथ दूंगी. वैसे मेरा सपना ओलिंपिक में पदक हासिल करना है. जमशेदपुर में नवचेतन समेत कई संस्थाओं ने तारा शाहदेव का अभिनंदन किया. उन्होंने गोविंदपुर में काली पूजा पंडाल का उदघाटन भी किया.

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