सोशल नेटवर्किंग में कीट पतंगे अधिक होते हैं सक्रिय

एजेंसियां, नयी दिल्लीमधुमक्खी और चींटी जैसे कीट पतंगे झुंड में रहकर एक दूसरे से लगातार संवाद कायम रखते हैं और वैज्ञानिकों ने मौजूदा सूचना प्रक्रिया को बेहतर बनाने में उनके नेटवर्क को समझने की कोशिश की है. दरअसल, कुछ कीट-पतंगों के समूहों में होने वाला संवाद नेटवर्क कृत्रिम तकनीकी सूचना स्थानांतरण नेटवर्क की तरह है.आइआइएससी, […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 22, 2014 11:02 PM

एजेंसियां, नयी दिल्लीमधुमक्खी और चींटी जैसे कीट पतंगे झुंड में रहकर एक दूसरे से लगातार संवाद कायम रखते हैं और वैज्ञानिकों ने मौजूदा सूचना प्रक्रिया को बेहतर बनाने में उनके नेटवर्क को समझने की कोशिश की है. दरअसल, कुछ कीट-पतंगों के समूहों में होने वाला संवाद नेटवर्क कृत्रिम तकनीकी सूचना स्थानांतरण नेटवर्क की तरह है.आइआइएससी, आइआइएसइआर-कोलकाता और बिट्स पिलानी के वैज्ञानिकों की एक टीम ने इन जीवों के बीच इस तरह की संरचना और कृत्रिम प्रक्रिया के बीच मिलान करने पर मौजूदा सूचना प्रक्रिया तंत्र को बेहतर बनाने में नेटवर्क संवाद की पड़ताल करने की कोशिश की.असरदार संवाद तंत्रगुब्बी लैब की एक विज्ञप्ति के मुताबिक, जीवों के बीच की संरचना विभिन्न स्तरों-सेलुलर और अनुवांशिक पर बेहतरीन समन्वित प्रक्रिया पर निर्भर करती है. समूह में रहने वाले कीट पतंगे विभिन्न स्तरों पर समन्वय करते हैं. सूचना का असरदार स्थानांतरण संवाद तंत्र के जरिये होता है और यह तब भी बेहतर काम करता है जब समय या ऊर्जा संबंधी मजबूरी होती है. मानव के अलावा मधुमक्खी जैसे कीट में काफी जटिल सामाजिक संरचना होती है.

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