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भूमि अधिग्रहण कानून को भी ‘दुरु स्त’ करेगी सरकार

एजेंसियां, नयी दिल्ली डीजल को नियंत्रणमुक्त करने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार का मुख्य ध्यान अब भूमि अधिग्रहण कानून को बदलने पर है. माना जा रहा है कि इस कानून के चलते इंफ्रास्ट्रक्चर और औद्योगिक विकास का काम रु क गया है. मोदी सरकार आर्थिक दर तेज करने के लिए इस पर खास ध्यान दे […]

एजेंसियां, नयी दिल्ली डीजल को नियंत्रणमुक्त करने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार का मुख्य ध्यान अब भूमि अधिग्रहण कानून को बदलने पर है. माना जा रहा है कि इस कानून के चलते इंफ्रास्ट्रक्चर और औद्योगिक विकास का काम रु क गया है. मोदी सरकार आर्थिक दर तेज करने के लिए इस पर खास ध्यान दे रही है. वह चाहती है कि विकास का फायदा देश के सबसे गरीब इंसान तक पहुंचे. वित्त मंत्री अरु ण जेटली ने इस मामले से संबंधित सभी विभागों और मंत्रालयों के साथ बैठक कर इसमें कानून से जुड़ी चिंताओं पर चर्चा की. यह भी देखा गया कि किन वजहों से प्रोजेक्ट पूरा करने में दिक्कत आ रही है. इस कानून की ‘खामियों’ को दूर करना जरूरी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ कैंपेन के जरिये देश में मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ को बढ़ावा देने की बात कही है. नयी सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को भी आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है, जो कई साल से बदहाली का शिकार है. भूमि अधिग्रहण कानून पिछली यूपीए सरकार ने पास किया था. इस कानून की इंडस्ट्री, सरकारी विभागों और राज्यों ने आलोचना की है. इसमें कुछ कांग्रेस शासित राज्य भी हैं. उनका कहना है कि यह कानून बेहद पेचीदा है और इससे जमीन का अधिग्रहण रु क गया है. बगैर जमीन का अधिग्रहण किये विकास नहीं हो सकता. जेटली के साथ बैठक में शामिल रहे एक सरकारी अफसर ने बताया, यह मीटिंग इसलिए बुलायी गयी थी ताकि यह समझा जा सके कि संबंधित पक्षों को कानून से किस तरह की दिक्कत हो रही है. बैठक में शामिल होने वाले एक अन्य अधिकारी ने कहा कि जमीन अधिग्रहण रु कने से हाइवेज जैसे डिपार्टमेंट्स को प्रोजेक्ट में देरी का सामना करना पड़ रहा है और उसकी कॉस्ट भी बढ़ रही है. डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी ऐंड प्रमोशन (डीआइपीपी) ने भी इस कानून की आलोचना की थी और कहा था कि लैंड ऐक्ट के चलते विकास बाधित हो रहा है.

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