2जी पीएमएलए मामला : कोर्ट ने कहा-आदेश तैयार नहीं ए राजा, कनिमोझी, दयालु अम्म्ल समेत 19 के खिलाफ आरोप पत्र दायरएजेंसियां, नयी दिल्लीविशेष अदालत ने 2जी घोटाले में धन शोधन से जुड़े एक मामले में आरोप तय करने पर आदेश पारित करने के लिए 31 अक्तूबर की तिथि निर्धारित की. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा, सांसद कनिमोझी, द्रमुक प्रमुख करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्मल तथा 16 अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था. विशेष सीबीआइ न्यायाधीश ओपी सैनी को आरोप तय करने पर सोमवार को आदेश पारित करना था, लेकिन उन्होंने यह कह कर इसे 31 अक्तूबर तक टाल दिया कि आदेश अभी तैयार नहीं है. क्या है मामला प्रवर्तन निदेशालय ने 10 व्यक्तियों एवं नौ कंपनियों समेत कुल 19 आरोपियों के खिलाफ अपने आरोपपत्र में आरोप लगाया था कि ये सभी 200 करोड़ रुपये के उस धन हस्तांतरण में शामिल थे, जो कि वास्तविक नहीं था और यह राजा की ओर से डीबी समूह की कंपनियों को दूरसंचार लाइसेंस दिलवाने के लिए दी गयी रिश्वत थी. एजेंसी ने कहा कि डीबी समूह कंपनी द्वारा कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड एवं सिनेयुग फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से द्रमुक संचालित कलैगनार टीवी तक 200 करोड़ रुपये का शृंखलाबद्ध हस्तांतरण कारोबार से जुड़ा कोई वास्तविक लेनदेन नहीं था. आरोपियों ने हालांकि यह कहते हुए प्रवर्तन निदेशालय के दावों का विरोध किया कि एजेंसी द्वारा लगाये गये आरोपांे का कोई साक्ष्य नहीं है.आरोपियों का तर्क राजा और कनिमोझी की ओर से पेश हुए वकील ने अदालत में तर्क दिया कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा शिकायत के साथ जो दस्तावेज दाखिल किये गये हैं, वे कहीं भी यह नहीं दर्शाते कि वे डीबी समूह द्वारा कलैगनार टीवी को किये गये 200 करोड़ रुपये के लेेनदेन से संबंधित थे. इसी तरह स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटर शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका समेत अन्य सह आरोपियांे ने तर्क दिया कि इस कथित अपराध और इससे जुड़ी गतिविधियों में उनकी संलिप्तता दर्शाने वाला कोई साक्ष्य नहीं है. ईडी का तर्क प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, कनिमोझी और सह आरोपी शरदकुमार (कलैगनार टीवी के प्रबंध निदेशक) के पास टीवी चैनल की 20-20 फीसदी हिस्सेदारी थी. शेष 60 फीसदी हिस्सेदारी दयालु अम्मल के पास थी. इस मामले के सभी आरोपी इस समय जमानत पर हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने अपने आरोपपत्र में दावा किया था कि मामले में जांच 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले से निकलती है और आरोपियों ने धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत कथित षड्यंत्र एवं अपराध किया. राजा, कनिमोझी और दयालु अम्मल के अतिरिक्त मामले के अन्य आरोपियों में शाहिद उस्मान बलवा, विनोद गोयनका, कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक-आसिफ बलवा तथा राजीव अग्रवाल, शरद कुमार, बॉलीवुड के निर्माता करीम मोरानी तथा पी अमृतम के नाम शामिल हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड, कुसेगांव रीयल्टी प्राइवेट लिमिटेड (पूर्व में कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जानी जाती थी), सिनेयुग मीडिया और एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड (पूर्व में इसे सिनेयुग फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जाना जाता था), कलैगनर टीवी प्राइवेट लिमिटेड, डायनामिक्स रीयल्टी, एवरस्माइल कंस्ट्रक्शन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, कोनवुड कंस्ट्रक्शंस एंड डेवलेपर्स प्राइवेट लिमिटेड, डीबी रीयल्टी लिमिटेड और निहार कंस्ट्रक्शंस प्राइवेट लिमिटेड के नाम भी आरोपियों के रूप में लिये थे. प्रवर्तन निदेशालय ने अपने आरोपपत्र में आरोप लगाया था कि इसकी जांच से खुलासा हुआ है कि शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका द्वारा कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड और सिनेयुग फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के जरिये कलैगनर टीवी को 200 करोड़ रुपये की राशि दी गयी थी. आरोपपत्र में दावा किया गया था कि 200 करोड़ रुपये की राशि, जो यूएएस लाइसेंस की स्वीकृति के लिए स्वान टेलीकॉम को पहुंचाये गये अवैध लाभ के बदले दी गयी, उसका अतिरिक्त धन के साथ पुन: भुगतान किया गया, ताकि यह दिखाया जा सके कि लेनदेन वैध था.
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31 अक्तूबर को होगा आरोप तय
2जी पीएमएलए मामला : कोर्ट ने कहा-आदेश तैयार नहीं ए राजा, कनिमोझी, दयालु अम्म्ल समेत 19 के खिलाफ आरोप पत्र दायरएजेंसियां, नयी दिल्लीविशेष अदालत ने 2जी घोटाले में धन शोधन से जुड़े एक मामले में आरोप तय करने पर आदेश पारित करने के लिए 31 अक्तूबर की तिथि निर्धारित की. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय […]
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