रांची . झारखंड हाइकोर्ट में सोमवार को नेशनल शूटर तारा शाहदेव के साथ रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन द्वारा धोखे से शादी कर मारपीट करने व जबरन धर्म बदलने का दबाव डालने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. एक्टिंग चीफ जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान प्रतिवादी निलंबित रजिस्ट्रार (विजिलेंस) मुश्ताक अहमद की ओर से वरीय अधिवक्ता जयप्रकाश झा ने पक्ष रखा. उन्होंने प्रार्थी के क्रेडेंसियल पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनके चरित्र की जांच निगरानी से करायी जाये. जब तारा शाहदेव ने धारा 164 के तहत बयान दिया है. उसमें लगाये गये आरोपों की जांच चल रही है. वैसी परिस्थिति में जनहित याचिका का कोई अर्थ नहीं है. याचिका खारिज करने योग्य है. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने विरोध किया. खंडपीठ ने मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए 20 नवंबर की तिथि निर्धारित की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी अखंड भारत के विजय कुमार जेठी ने जनहित याचिका दायर कर पूरे प्रकरण की जांच सीबीआइ, इडी और एनआइए से कराने का आग्रह किया है. कोर्ट ने पूर्व में केंद्र सरकार, एनआइए, प्रवर्तन निदेशालय, राज्य सरकार, गृह सचिव, डीजीपी, रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन सहित सभी प्रतिवादियों को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था.
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तारा शाहदेव प्रकरण की सुनवाई 20 नवंबर को होगी
रांची . झारखंड हाइकोर्ट में सोमवार को नेशनल शूटर तारा शाहदेव के साथ रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन द्वारा धोखे से शादी कर मारपीट करने व जबरन धर्म बदलने का दबाव डालने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. एक्टिंग चीफ जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में सुनवाई […]
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