एजेंसियां, हैदराबादतेलंगाना अलग राज्य बन गया, लेकिन किसानों की किस्मत नहीं बदली. सिर्फ चार महीने में कर्ज के बोझ तले दबे 250 किसानों ने आत्महत्या कर ली. इसमें सबसे ज्यादा 54 किसानों ने वारंगल में जान दी, जबकि मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के विधानसभा क्षेत्र गजवेल में 18 किसानों ने आत्महत्या की. यह हाल खरीफ फसल की कटाई से ठीक पहले है. वर्ष 2004 में सरकार जारी सरकार का वह आदेश आज भी प्रभावी है, जिसमें कहा गया था कि जरूरत पड़ने पर किसानों के परिजनों को तत्काल वित्तीय और अन्य मदद उपलब्ध करवायी जाये. तेलुगू देशम पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य आर चंद्रशेखर रेड्डी ने कहा है कि किसान नाउम्मीद हो चुके हैं. ऐसा भी नहीं लगता कि सरकार इसे रोकने के लिए कोई बड़ा कदम उठायेगी. भूतपूर्व ऊर्जा मंत्री और कांग्रेस नेता मोहम्मद अली शब्बीर ने कहा है कि सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति पार्टी या सरकार की ओर से अब तक किसी ने किसानों से सहानुभूति तक नहीं जतायी. तेलंगाना गठन से पहले टीआरएस के नेता किसानों के मुद्दे जोर-शोर से उठाते थे.
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तेलंगाना में हर दिन दो किसान कर रहे आत्महत्या
एजेंसियां, हैदराबादतेलंगाना अलग राज्य बन गया, लेकिन किसानों की किस्मत नहीं बदली. सिर्फ चार महीने में कर्ज के बोझ तले दबे 250 किसानों ने आत्महत्या कर ली. इसमें सबसे ज्यादा 54 किसानों ने वारंगल में जान दी, जबकि मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के विधानसभा क्षेत्र गजवेल में 18 किसानों ने आत्महत्या की. यह हाल खरीफ […]
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