एजेंसियां, श्रीहरिकोटाआगामी 19 अक्तूबर को लाल ग्रह के पास से साइडिंग स्प्रिंग धूमकेतु (कॉमेट) गुजरने की संभावना के चलते भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने मार्स ऑर्बिटर मंगलयान की स्थिति में परिवर्तन किया है.अहमदाबाद स्थित स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के निदेशक एएस किरण कुमार ने कहा कि 19 अक्तूबर को मंगल के पास साइडिंग स्प्रिंग नामक धूमकेतु के आने की आशंका को देखते हुए हमने मार्स ऑर्बिटर की स्थिति में बदलाव किया है. हम ऑर्बिटर को एक ऐसे बिंदु तक ले गये हैं, जहां यह धूमकेतु की पूंछ से बहुत दूर रखा जायेगा ताकि उसका प्रभाव उपग्रह पर न पड़ सके. लाल ग्रह पर अभियान भेजने वाले इसरो, नासा और विश्व की अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों ने अंतरिक्ष से गिरने वाले मलबे से संभावित टकराव से अपने उपग्रहों को बचाने के लिए सुरक्षात्मक उपाय किये हैं. यह मलबा धूमकेतु के मंगल के पास से गुजरने पर गिर सकता है.अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अनुसार, साइडिंग स्प्रिंग नामक धूमकेतु कई अरब मील की यात्रा कर चुका है और 19 अक्तूबर को यह मंगल के 87 हजार मील के दायरे में आयेगा. यह धूमकेतु सौरमंडल के निर्माण के बाद बचे पदार्थ उरट क्लाउड से आता है.
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साइडिंग स्प्रिंग धूमकेतु ने बदली मार्स ऑर्बिटर की स्थिति
एजेंसियां, श्रीहरिकोटाआगामी 19 अक्तूबर को लाल ग्रह के पास से साइडिंग स्प्रिंग धूमकेतु (कॉमेट) गुजरने की संभावना के चलते भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने मार्स ऑर्बिटर मंगलयान की स्थिति में परिवर्तन किया है.अहमदाबाद स्थित स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के निदेशक एएस किरण कुमार ने कहा कि 19 अक्तूबर को मंगल के पास साइडिंग स्प्रिंग […]
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