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स्पेक्ट्रम कीमत पर ट्राई ने टेलीकॉम मंत्रालय को भेजी सिफारिश

10 प्रतिशत ऊंचे मूल्य का सुझावमहाराष्ट्र व पश्चिम बंगाल के लिए नहीं होगी नीलामी एजेंसियां, नयी दिल्लीदूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने स्पेक्ट्रम कीमत का सुझाव टेलीकॉम मंत्रालय को भेज दिया है. ट्राई ने 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड की नीलामी के लिए करीब 10 प्रतिशत ऊंचे मूल्य की सिफारिश की है. 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड को 2जी स्पेक्ट्रम […]

10 प्रतिशत ऊंचे मूल्य का सुझावमहाराष्ट्र व पश्चिम बंगाल के लिए नहीं होगी नीलामी एजेंसियां, नयी दिल्लीदूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने स्पेक्ट्रम कीमत का सुझाव टेलीकॉम मंत्रालय को भेज दिया है. ट्राई ने 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड की नीलामी के लिए करीब 10 प्रतिशत ऊंचे मूल्य की सिफारिश की है. 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड को 2जी स्पेक्ट्रम के रूप में जाना जाता है. ट्राई ने कहा कि चूंकि पर्याप्त स्पेक्ट्रम उपलब्ध नहीं होने से महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के लिए स्पेक्ट्रम नीलामी नहीं होगी, इससे नीलामी के लिए रखे जानेवाले स्पेक्ट्रम की कीमत घट कर 2,138 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज रह जायेगी. हालांकि, लाइसेंस सर्विस एरिया (एलएसए) में रेडियो तरंगों की आगामी नीलामी के लिए जिस कीमत की सिफारिश की गयी है, वह पिछली नीलामी की तुलना में अभी भी करीब 10 प्रतिशत ऊंची होगी. यह पूर्व की अवधि की तुलना में अनुमानित उच्च औसत डेटा उपयोग पर आधारित है. इससे पहले, फरवरी 2014 में सरकार को 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड स्पेक्ट्रम में 2,270.4 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज की बोली प्राप्त हुई थी. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने महंगे 900 मेगाहर्ट्ज बैंड में 3,004 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज बैंड कीमत का सुझाव दिया है. इस बैंड में 1800 मेगाहर्ट्ज के मुकाबले लगभग दोगुना से अधिक अधिक एरिया कवर होता है. कीमत 22 सेवा क्षेत्रों में से केवल 18 के लिए है, क्योंकि यह बैंड जम्मू कश्मीर, दिल्ली, मुंबई तथा कोलकाता सेवा क्षेत्र में उपलब्ध नहीं है.2015-16 में समाप्त हो रहा लाइसेंसमौजूदा दूरसंचार कंपनियों एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया सेल्यूलर तथा रिलायंस कम्युनिकेशंस के पास उपलब्ध 900 मेगाहर्ट्ज में स्पेक्ट्रम नीलामी की जानी है. इनके लाइसेंस 2015-16 में समाप्त हो रहे हैं. 900 मेगाहर्ट्ज बैंड में से करीब 184 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी की जा सकती है. जबकि, 1800 मेगाहर्ट्ज में सरकार ने 104 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी का प्रस्ताव किया है. इसमें वे स्पेक्ट्रम शामिल हैं, जो उन लाइसेंसधारकों के पास है जिनका लाइसेंस 2015-16 में समाप्त हो रहा है. साथ ही इसमेें फरवरी नीलामी में नहीं बिक सका स्पेक्ट्रम भी शामिल है. सरकार 8.2 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम रक्षा बैंड के रूप में रखना चाहती है. इससे नीलामी के लिए केवल 104 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम उपलब्ध होगा.

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