रांची: केंद्रीय कोयला सचिव एसके श्रीवास्तव ने गुरुवार को कहा कि कोल इंडिया आनेवाले वर्षो में एक हजार मेगावाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करेगी. इसके लिए गैर पारंपरिक ऊर्जा के मंत्रलय के साथ समझौता किया गया है.
उन्होंने सीएमपीडीआइ में माइक्रो ग्रिड पर आधारित 200 किलोवाट का रूफ टॉप सौर विद्युत संयंत्र का उदघाटन किया.
उन्होंने कहा कि सौर बिजली उत्पादन से देश में बिजली की बचत हो सकेगी. कार्यक्रम के दौरान सीएमपीडीआइ के सीएमडी एके देबनाथ ने कहा कि संस्थान के सभी क्षेत्रीय संस्थानों में सोलर पावर प्लांट की स्थापना की जायेगी. सोलर परियोजना सितंबर 2013 में शुरू की गयी थी. गुजरात एनर्जी रिसर्च एंड मैनेजमेंट इंस्टीटय़ूट जर्मी की ओर से परियोजना को पूरा किया गया है.
संस्थान के मुख्य प्रबंधक गीता मारीक और एस विश्वास की निगरानी में योजना को पूरा किया गया. सीएमपीडीआइ कार्यालय परिसर की वार्षिक बिजली खपत 14 लाख यूनिट है, जबकि सौर ऊर्जा संयंत्र का बिजली उत्पादन क्षमता तीन लाख यूनिट है. इससे प्रति वर्ष 2.5 लाख किलो ग्राम तक कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सजर्न में कमी होगी. कोयला सचिव ने संस्थान के कार्यकारी निदेशकों को भी संबोधित किया.