रांची: राज्य सरकार ने राष्ट्रीय उच्च पथ बनाने के लिए जमीन नि:शुल्क देने का फैसला लिया है. यानी एनएचएआइ से सरकारी जमीन के एवज में पैसे नहीं लिये जायेंगे. जितनी भी सरकारी जमीन लेनी होगी, मुफ्त दी जायेगी. एनएचएआइ को केवल रैयती जमीन के लिए पैसे देने होंगे.
इस तरह सरकारी जमीन के लिए एनएचएआइ से राशि लेने के संबंध में अब किसी तरह का विरोधाभास नहीं है. यह फैसला भू-राजस्व विभाग ने लिया है. यह फैसला समीक्षा के बाद लिया गया. एनएचएआइ राज्य में ही सड़क बनवा रहा है. इससे यहां के लोगों को ही लाभ मिलनेवाला है.
मथुरा महतो ने उठाया था मामला
पूर्व भू-राजस्व मंत्री मथुरा महतो ने एनएचएआइ से जमीन के एवज में राशि लेने का मामला उठाया था. उन्होंने कहा था कि यदि एनएचएआइ राज्य में सड़क का निर्माण कराता है, तो उसे राज्य की सरकारी जमीन के लिए पैसे देने होंगे. मुफ्त जमीन नहीं दी जायेगी. इस मामले पर एनएचएआइ का कहना था कि वह सड़क राज्य में ही बना रहा है. यह राज्य की ही धरोहर होगी. राज्य को ही इससे लाभ है. ऐसे में वह सरकारी जमीन के लिए राशि नहीं देगा. एनएच 33 को लेकर भी मामला अटक गया था. राज्य सरकार की बातें एनएचएआइ के झारखंड विंग ने मुख्यालय को अवगत करा दिया था.