केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा
रांची : केंद्र सरकार राष्ट्रीय स्वास्थ्य गारंटी अभियान शुरू करने पर विचार कर रही है. इसके तहत आम लोगों को मुफ्त दवाएं व मुफ्त इलाज व अन्य बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं की गारंटी होगी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये विभिन्न राज्यों के पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इसका प्रस्ताव तैयार है.
इस संबंध में देश भर के स्वास्थ्य सचिवों के साथ नौ अक्तूबर को दिल्ली में बैठक होगी. इस दिन कैंसर उन्मूलन के कार्यक्रमों व प्रयास पर भी बात होगी. झारखंड व अन्य राज्यों में एम्स खोलने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि करीब दर्जन भर मुख्यमंत्रियों से दो सौ एकड़ जमीन की उपलब्धता संबंधी जानकारी मांगी गयी थी. इनका आकलन किया जा रहा है.
मेडिकल कॉलेजों में नामांकन के सवाल पर उन्होंने कहा कि नीट जैसी सामूहिक परीक्षा इसका जरिया होना चाहिए. इससे विद्यार्थियों की परेशानी कम होगी. उन्होंने कहा कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया, इंडियन नर्सिग काउंसिल व फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया जैसी संस्थाओं में पारदर्शिता की कमी व अन्य शिकायतों के मद्देनजर इनमें व्यापक फेरबदल किया जायेगा. इस पर अध्ययन चल रहा है.
मंत्री ने कहा कि देश भर में मेडिकल रिसर्च लैब खोले जायेंगे. स्वास्थ्य मंत्री ने विभिन्न राज्यों की राजधानी के पत्रकारों के सवालों के जवाब भी दिये. क्लिनिकल ट्रायल्स व दवा की कीमतों से जुड़े मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सरकार जनहित के साथ कभी समझौता नहीं करेगी. स्वास्थ्य विभाग में उच्च स्तर की पारदर्शिता लायी जायेगी. ड्रग फूड लाइसेंस की प्रक्रिया और पारदर्शी की जायेगी. प्रक्रियाओं व सूचनाओं के संदर्भ में इतनी पारदर्शिता लायी जायेगी कि आम आदमी तक हर जानकारी पहुंच सके.
आयुष चिकित्सकों की सेवा ली जायेगी
डॉक्टरों की कमी से निबटने के संबंध में डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि आयुष चिकित्सा पद्धति से जुड़े डॉक्टरों का इस्तेमाल एमबीबीएस डॉक्टरों की तरह होगा. इसके लिए एक ब्रिज कोर्स तैयार किया गया है. इसका प्रशिक्षण लेकर आयुष चिकित्सक एमबीबीएस चिकित्सकों जैसी बुनियादी सेवाएं दे सकेंगे. इस वर्ष देश भर में 17 नये मेडिकल कॉलेज खोले जायेंगे, जहां एमबीबीएस की 2750 सीटें होंगी.
कालाजार का होगा खात्मा
कालाजार से जूझ रहे झारखंड सहित देश के चार राज्यों में वर्ष 2015 के अंत तक इस रोग को खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है. डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि सिर्फ सरकार नहीं बल्कि सभी को मिल कर स्वास्थ्य सेवाओं को जन आंदोलन बनाना होगा.