रांची: राज्य के 1233 प्लस टू उच्च विद्यालय के शिक्षकों को नियमित रूप से वेतन का भुगतान नहीं होता. नियुक्ति के दो वर्ष बाद भी शत-प्रतिशत शिक्षकों की सेवा पुस्तिका तक नहीं खुली है. राज्य के 230 प्लस टू उच्च विद्यालयों में 1233 शिक्षकों की नियुक्तिजुलाई 2012 में हुई थी. नियुक्ति काल से ही शिक्षकों को कभी समय पर वेतन नहीं मिला.
पहले प्रमाणपत्र के सत्यापन के नाम पर और अब योजना व गैर योजना मद के नाम पर शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है. नियुक्ति के समय दो माह के अंदर प्रमाणपत्र के सत्यापन का निर्देश दिया गया था, पर प्रमाणपत्रों के सत्यापन में एक वर्ष से अधिक का समय लग गया.
दो वर्ष के सेवा काल में प्लस टू उच्च विद्यालय के शिक्षकों को मात्र चार बार वेतन मिला है. शिक्षकों को औसतन छह माह के अंतराल पर वेतन मिलता है. नियुक्ति के बाद पहली बार शिक्षकों को नौ माह बाद वर्ष मार्च 2013 में वेतन मिला. वेतन आवंटित होने के बाद शिक्षकों को वेतन लेने के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है. इसके बाद वेतन मिल पाता है.
उवि से आये हैं 400 शिक्षक
प्लस टू उच्च विद्यालय शिक्षक नियुक्ति में 50 फीसदी पद उच्च विद्यालय के शिक्षकों के लिए आरक्षित हैं. उच्च विद्यालय शिक्षक परीक्षा पास कर प्लस टू उच्च विद्यालय में शिक्षक बन सकते हैं. प्लस टू उच्च विद्यालय में कार्यरत लगभग 400 शिक्षक उच्च विद्यालय से आये हैं. उच्च विद्यालय के शिक्षक बेहतर वेतनमान व सुविधा के लिए प्लस टू उच्च विद्यालय में आये, पर वर्तमान में उनकी स्थिति पहले से बदतर हो गयी है. शिक्षकों को अपना जिला छोड़ कर दूसरे जिला में जाना पड़ा. वेतन पहले से कम हो गया. पूर्व की सेवा को वर्तमान सेवा में जोड़ने का आदेश निर्गत नहीं किया गया.
आर्थिक तंगी से परेशान हैं शिक्षक
समय पर वेतन नहीं मिलने से शिक्षक आर्थिक तंगी ङोल रहे हैं. एक ओर सरकार गुणवत्ता युक्त शिक्षा की बात कर रही है, दूसरी ओर शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं दिया जा रहा. राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ प्लस टू संवर्ग के महासचिव सुधांशु कुमार सिंह ने बताया कि लोहरदगा में पदस्थापित गणित के शिक्षक आलोक कुमार का मानसिक तनाव के कारण ब्रेन हेंब्रेज हो गया, वे लकवा के शिकार हो गये. खूंटी में पदस्थापित शिक्षक रोजश दास पैसे के अभाव के कारण किडनी का इलाज नहीं करा पा रहे हैं. श्री सिंह ने बताया कि समय पर वेतन नहीं मिलने से शिक्षक अपने बच्चों का नामांकन नहीं करा पा रहे हैं. समय पर शुल्क जमा नहीं किये जाने से स्कूल से नोटिस दिया जा रहा है. सरकार बिना वेतन शिक्षक से गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने को कह रही है.
कहां फंसा है मामला
प्लस टू उच्च विद्यालय के शिक्षकों के पद को अब तक योजना मद से गैर योजना मद में स्थानांतरित नहीं किया गया है. इस कारण शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं मिलता है. शिक्षा मंत्री से लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कई बार शिक्षकों को पद स्थानांतरित करने का आश्वासन दिया. पद स्थानांतरित करने का मामला शिक्षा व वित्त विभाग के बीच फंसा हुआ है. शिक्षकों का कहना है कि गैर योजना मद में पर्याप्त राशि होने के बाद भी पद स्थानांतरित नहीं किया जा रहा है.