हज की तसवीर है हाजी तनवीर अहमद रांची . हज : मुसलमानों के पांच फर्ज में एक है. अल्लाह ताला ने फरमाया है कि अल्लाह ने जिसके पास भी सही तरीके से कमाये हुई दौलत दी है, उसको हज करना जरूरी है. अल्लाह जिसे चाहता है उसे ही वो हज पर बुलाता है. हमें चाहिए की हज के हर अरकान (नियम) को सही तरीके से करें. खुदा ने हज करनेवालों को बहुत नेमत बरती है और हाजी कभी गरीब नहीं होते हैं. आप हाजी से गुजारिश है कि अपने प्रदेश एवं अपने वतन की खुशहाली, तरक्की व अमन चैन के लिए दुआ जरूर करें. रांची से हरम शरीफ तक का सफरहज में जाने वाले लोगों को चाहिए कि वो हज में जाने से पहले अपने शरीर को स्वस्थ्य रखें तथा चलने-फिरने की आदत डालें. चूंकि काबा (हरम शरीफ) का जो क्षेत्र है, वो पहाड़ी इलाकों के बीच में हैं. आपको जहां भी ठहराया जायेगा वह ऊंचे स्थान पर होगा वैसे हालात में आपको थकावट हो सकती है. रांची एयरपोर्ट से आप हज पर जाने वाले लोगों के लिए हज कमेटी एवं अन्य कमेटी के लोग आपकी सहायता के लिए मौजूद रहते हैं. आपको कभी भी घबराने की जरूरत नही है. इस नेक काम के लिए अल्लाह ताला आपके साथ रहते हैं जो नव युवक हज को जा रहे होते हैं, उनको कोशिश करना चाहिए कि बूढ़े-बुजुर्ग लोग अगर साथ में हैं और उन्हें किसी प्रकार की कठिनाई हो रही हो, तो उनकी वो मदद करें. रांची से आप जैसे हवाई जहाज पर बैठते हैं आप तलबिया (लबैक, अल्ला हुमा लबैक, लबैक ला शरीका लका लबैक, इन्नल हमदा, व नेमता लक वल मुल्क ला शरीका लका) पढ़ना शुरू कर देना चाहिए. हवाई जहाज में चढ़ने से पहले आप बैतुल खुला, इस्तीन्जा वगैरह से फारिग हो कर चढ़ें. हवाई जहाज में हमेशा कोशिश करनी चाहिए की आप वजु के हालत में हो . आप दो रकत नमाज रांची एयरपोर्ट पर पढ़ कर भी एक उमरा की नियत कर सकते हैं . हवाई जहाज में हिंदुस्तान से जाने वाले हाजियों के लिए यलमलम स्थान पर से नियत करने की हिदायत एयर हॉस्टेस द्वारा दी जाती है चूंकि आपको यलमलम स्थान की जानकारी नहीं हैं इसलिए आप रांची से ही नियत कर लें तो अच्छा होगा, फिर भी हवाई जहाज में यह जानकारी दी जाती है कि हवाई जहाज यलमलम से गुजर रहा है, आप एक उमरा की नियत कर सकते हैं. जेद्दा एयरपोर्ट पर हवाई जहाज उतरते ही आपका इमिर्ग्रेशन चेक होगा. उसके बाद एयरपोर्ट टर्मिनल से बाहर आयेंगे. बाहर आपको हज कमेटी ऑफ इंडिया के लोग तिरंगा झंडा पकड़े हुए या फिर तिरंगा कपड़ा पहने हुए नजर आयेंगे. वे आपका स्वागत कर आपको अपने ऑफिस में ले जायेंगे. उसके बाद आप को वहां से बस में मक्का के लिए रवाना किया जायेगा. बस में चढ़ने से पहले आपका मोअल्लिम, जो सऊदी अरब का होता है वो आपका पासपोर्ट ले लेगा. ये पासपोर्ट आप का सुरक्षित रखा रहता है और ये पासपोर्ट वापस आपको रांची आने के दिन मिलेगा .(जारी)
मुसलमानों के पांच फर्ज में से एक है हज
हज की तसवीर है हाजी तनवीर अहमद रांची . हज : मुसलमानों के पांच फर्ज में एक है. अल्लाह ताला ने फरमाया है कि अल्लाह ने जिसके पास भी सही तरीके से कमाये हुई दौलत दी है, उसको हज करना जरूरी है. अल्लाह जिसे चाहता है उसे ही वो हज पर बुलाता है. हमें चाहिए […]
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