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वृन्दावन की 50 वृद्ध विधवाओं के लिए इस साल विशेष होगी दुर्गा पूजा

वृन्दावन, 11 सितंबर :भाषा: वृन्दावन के आश्रमों में रह रही लगभग 50 बंगाली वृद्ध विधवाओं के लिए इस साल की दुर्गा पूजा कुछ विशेष होगी क्योंकि इस बार वे यह त्यौहार अपने गृह प्रदेश पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में मनाएंगी. प्रतिष्ठित गैर सरकारी संगठन सुलभ इंटरनेशनल ने इन वृद्धाओं के दुर्गा पूजा त्यौहार को […]

वृन्दावन, 11 सितंबर :भाषा: वृन्दावन के आश्रमों में रह रही लगभग 50 बंगाली वृद्ध विधवाओं के लिए इस साल की दुर्गा पूजा कुछ विशेष होगी क्योंकि इस बार वे यह त्यौहार अपने गृह प्रदेश पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में मनाएंगी. प्रतिष्ठित गैर सरकारी संगठन सुलभ इंटरनेशनल ने इन वृद्धाओं के दुर्गा पूजा त्यौहार को यादगार बनाने का जिम्मा लिया है. सुलभ के संस्थापक बिन्देश्वर पाठक ने बताया कि इन विधवाओं को वृद्धावस्था में उनके परिवार वालों ने घर से निकाल दिया था. उन्होंने कहा कि यहां से निकाले जाने और वृन्दावन के आश्रमों में रहने के बाद अब पहली बार वे दुर्गा पूजा में शामिल होने के लिए ‘सिटी आफ ज्वाय’ जाएंगी। पिछली बार भी 50 वृद्ध विधवाओं को दुर्गा पूजा मनाने के लिए कोलकाता भेजा गया था. पाठक ने बताया कि कोलकाता जाने वाली सभी बुजुर्ग महिलाओं की उम्र 80 साल या उससे अधिक है. ट्रेन के जरिए ये सभी 25 सितंबर को हावडा रेलवे स्टेशन पहुंचेंगी। कोलकाता में उनके स्वागत की तैयारियां की जा रही हैं. रेलवे स्टेशन पर पारंपरिक ढाक की थाप और शंखनाद के बीच उनका भव्य स्वागत किया जाएगा। उनकी राह में फूलों की सौ किलो पंखुडियां बिछायी जाएंगी. पाठक ने बताया कि प्रख्यात हावडा पुल की यादें ताजा करने के लिए इन विधवाओं को नौका के जरिए हुगली नदी पार करायी जाएगी। उन्हें ‘कुमार टोली’ ले जाया जाएगा, जहां वे मां दुर्गा की बनायी जा रही मिट्टी की मूर्तियां देखेंगी. अपने करीब हफ्ते भर के प्रवास के दौरान इन बुजुर्ग महिलाओं को ट्राम और मेट्रो का सफर भी कराया जाएगा। वे करीब दर्जन भर पूजा पंडालांे में मां दुर्गा के दर्शन करने जाएंगी। पूजा पंडालों के अलावा उनका मशहूर काली बाडी जाने का कार्यक्रम है. वे विक्टोरिया मेमोरियल और चौरंगी भी जाएंगी. वृन्दावन में करीब 45 साल से रह रही 95 वर्षीय कनकलता देवी राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी और मुख्यमंत्री ‘ममता दीदी’ से मिलने की ख्वाहिश रखती हैं. सुलभ ने राजभवन और मुख्यमंत्री कार्यालय से मुलाकात का समय मांगा है. पाठक ने कहा कि इन विधवाओं को आश्रम के नीरस जीवन से कुछ समय के लिए छुटकारा दिलाकर कहीं और ले जाने का विचार अच्छा है. पाठक ने बताया कि सुलभ वृन्दावन में रहने वाली 1000 विधवाओं की देखरेख करता है.

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