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आरोपी विधायकों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई, जवाब दें : कोर्ट

कोर्ट ने कहासरकार का जवाब गलत व अपूर्ण है28 विधायकों के खिलाफ है गंभीर आरोपमंत्री व विधायकों के अपराधिक मामलों की जांच श्ीाघ्र पूरी करेंराज्य सरकार से स्टेट्स रिपोर्ट मांगामामले की अगली सुनवाई तीन सितंबर को होगीरांची : हाइकोर्ट में गुरुवार को आरोपी विधायकों के खिलाफ दर्ज मामलों की तेजी से सुनवाई को लेकर दायर […]

कोर्ट ने कहासरकार का जवाब गलत व अपूर्ण है28 विधायकों के खिलाफ है गंभीर आरोपमंत्री व विधायकों के अपराधिक मामलों की जांच श्ीाघ्र पूरी करेंराज्य सरकार से स्टेट्स रिपोर्ट मांगामामले की अगली सुनवाई तीन सितंबर को होगीरांची : हाइकोर्ट में गुरुवार को आरोपी विधायकों के खिलाफ दर्ज मामलों की तेजी से सुनवाई को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. एक्टिंग चीफ जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार के जवाब को देखने के बाद कड़ी नाराजगी जतायी. वहीं तेजी से लंबित मामलों की जांच पूरी करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा: जांच में कितना समय लगेगा, कब पूरा होगा, आरोपियों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई, इसकी जानकारी दी जाये. दो सितंबर तक स्टेट्स रिपोर्ट दायर कर विस्तृत जवाब देने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने कहा कि सरकार का जवाब गलत व अधूरा है. आरोपी मंत्रियों, विधायकों व सांसद से संबंधित मामलों की जांच को तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया. कहा कि विधायकों के खिलाफ हत्या, लूट, डकैती और अपहरण जैसे कई गंभीर आरोप हैं. इसके बावजूद उनके मामलों की स्पीडी जांच क्यों नहीं की गयी. अनुसंधानकर्ता मामले में साक्ष्य इकट्ठा करें. यदि अनुसंधानकर्ता विलंब करते हैं, तो उन्हें दोषी माना जाये. खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि गृह सचिव का जवाब अपूर्ण और गलत है. जानबूझ कर गलत जवाब दायर किया जाता है. इन प्रभावशाली व्यक्तियों के मामले की जांच जानबूझ कर तेजी से इसलिए नहीं की जाती है, कि बाद में साक्ष्य नहीं मिलेगा और ये बरी हो जायेंगे. कोर्ट लॉजिकल इंड तक नहीं पहुंच पायेगा. कोर्ट के नजर में सभी व्यक्ति समान है. इनके मामलों की भी जांच जल्द होनी चाहिए. पूर्व में राज्य सरकार के गृह विभाग के प्रधान सचिव एनएन पांडेय की ओर से 13 सितंबर 2013 को शपथ पत्र दायर कर 59 विधायक व एक सांसद की सूची सौंपी गयी थी. इनके खिलाफ राज्य के विभिन्न न्यायालयों में मामले लंबित हैं. 28 विधायक और एक सांसद के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, वित्त मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह व अन्य के खिलाफ दर्ज मामलों की भी जानकारी दी गयी है. 10 विधायकों से संबंधित मामलों की जानकारी बाद में देने की बात कही गयी. 12 विधायकों के मामले की जानकारी नहीं दी गई थी. प्रार्थी झारखंड अगेंस्ट करप्शन की ओर से जनहित याचिका दायर की गयी है. 28 विधायक व सांसद पर है गंभीर आरोपखंडपीठ ने गंभीर मामलों के आरोपी 28 विधायकों व एक सांसद से संबंधित मामले की विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है. इनके खिलाफ कब तक जांच पूरी की जायेगी, यह भी बताने को कहा है. इसमें मंत्री मन्नान मल्लिक, हाजी हुसैन अंसारी, लोबिन हेंब्रम, विधायक उमा शंकर अकेला, बन्ना गुप्ता, अनंत प्रताप देव, हरिनारायण राय, मथुरा प्रसाद महतो, चंद्रप्रकाश चौधरी, साइमन मरांडी, हेमलाल मुर्मू, अकिल अख्तर, नलिन सोरेन, ढुल्लू महतो, प्रदीप यादव, जयप्रकाश भोक्ता, संजय कुमार सिंह यादव, एनोस एक्का, रामदास सोरेन, दीपक बिरुआ, पौलुस सुरीन, विद्युत वरण महतो, संजय प्रसाद यादव, जर्नादन पासवान, सीता सोरेन व पूर्व सांसद कामेश्वर बैठा शामिल हैं.

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