रांची: राज्य में मनरेगा के तहत ली गयी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए स्वीकृत पदों में से अब भी 26 फीसदी पद रिक्त हैं. कोई भी ऐसा जिला नहीं है, जिसके सारे स्वीकृत पद भरे हुए हों. दो साल से हो रही कोशिशों के बावजूद इन पदों के लिए योग्य व्यक्ति नहीं मिल रहे हैं. राज्य में मनरेगा के क्रियान्वयन के लिए कुल 6771 पद स्वीकृत हैं. इन पदों पर 4953 कर्मचारी कार्यरत हैं, जबकि 1818 पद अब भी रिक्त हैं.
50 फीसदी तक रिक्त
मनरेगा के लिए हर प्रखंड में दो-दो के हिसाब से कुल 518 प्रखंड प्रोग्राम पदाधिकारी के पद स्वीकृत हैं. इनमें सिर्फ 327 ही कार्यरत हैं. देवघर और गोड्डा जिले में प्रोग्राम पदाधिकारी के 50 प्रतिशत से अधिक पद रिक्त है. पलामू प्रमंडल के पलामू और लातेहार जिलों में भी प्रोग्राम अधिकारी के 50 प्रतिशत से अधिक पद रिक्त है. यही स्थिति खूंटी और रामगढ़ जिले की है. रांची, गुमला और लोहरदगा में सहायक अभियंता के 50 फीसदी से अधिक पद रिक्त है. राज्य के सात जिले खूंटी, देवघर, गोड्डा, जामताड़ा, पाकुड़, साहेबगंज और गढ़वा में एक भी सहायक अभियंता नहीं है. रांची और बोकारो को छोड़ कर शेष सभी जिलों में कनीय अभियंता के 60-80 प्रतिशत तक पद रिक्त है. कंप्यूटर सहायक का 100 प्रतिशत सिर्फ रांची जिले में भरा हुआ है.
गुमला, पाकुड़, बोकारो, धनबाद, गिरिडीह, हजारीबाग, जमशेदपुर और सरायकेला में कंप्यूटर सहायक के 50 प्रतिशत से अधिक पद भरे हुए हैं. राज्य के शेष जिलों में कंप्यूटर सहायक के 50 प्रतिशत से ज्यादा पद खाली हैं. राज्य के छह जिलों में अकाउंट ऑफिसर के 40-80 प्रतिशत तक पद रिक्त हैं. इन जिलों में देवघर, दुमका, जामताड़ा, साहेबगंज, धनबाद और लातेहार हैं.