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चुनावी आगाज, ताकत दे गये मोदी

दूर की कौड़ी चली मोदी ने, इशारे में मांग लिया बहुमतबहुमत की सरकार और स्थिर शासन का मंत्र पढ़ायाकहा : पूर्ण बहुमत और स्थिर सरकार का महत्व समझें, तय करें 18 वर्ष में कैसा होगा झारखंडब्यूरो प्रमुखरांची : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकारी दौरे पर झारखंड आये थे. उदघाटन और शिलान्यास का कार्यक्रम था. लेकिन मोदी […]

दूर की कौड़ी चली मोदी ने, इशारे में मांग लिया बहुमतबहुमत की सरकार और स्थिर शासन का मंत्र पढ़ायाकहा : पूर्ण बहुमत और स्थिर सरकार का महत्व समझें, तय करें 18 वर्ष में कैसा होगा झारखंडब्यूरो प्रमुखरांची : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकारी दौरे पर झारखंड आये थे. उदघाटन और शिलान्यास का कार्यक्रम था. लेकिन मोदी का झारखंड दौरा राजनीति में उफान लेकर आया है. भाजपाइयों ने इसी बहाने विधानसभा चुनाव का आगाज कर दिया. वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने केेंद्र सरकार की ओर से पांच-पांच सौगात देकर और झारखंड को विकास के मानचित्र में खड़ा करने की अपील के साथ ताकत दे गये. मोदी ने दो टूक कहा : झारखंड की स्थिति मंजूर नहीं. सूरत बदलेंगे. मिल जुल कर बदलेंगे. समारोह सरकारी था. राजनीति नहीं हो सकती थी लेकिन नरेंद्र मोदी अपने भाषण में दूर की कौड़ी खेल गये. इशारों में ही झारखंड में आने वाले चुनाव के लिए मंत्र दिया. मोदी ने केंद्र की सरकार की तुलना करते हुए लोगों से ही पूछा : केंद्र की सरकार तेजी से कदम कैसे उठा रही है. फैसले कैसे हो रहे हैं. फिर बताया : पूर्ण बहुमत की सरकार बनी है. गंठबंधन की दुनिया से बाहर हूं. पूरे विश्वास के साथ कदम बढ़ा रहा हूं. झारखंड में भी लोगों को तय करने को कहा कि पूर्ण बहुमत और स्थिर सरकार बने. प्रधानमंत्री ने उदाहरण दे कर समझाया. 13-14 वर्ष की उम्र महत्वपूर्ण होती है. परिवार में भी 13-14 वर्ष के बेटा-बेटी का मां-बाप स्पेशल केयर रखते हैं. व्यक्ति के जीवन में 13 से 18 वर्ष की उम्र जैसे महत्वपूर्ण है, वैसे ही झारखंड के लिए भी यह महत्वपूर्ण है. आपको तय करना है कि 18 वर्ष में झारखंड कैसा होगा. प्रधानमंत्री का इशारा साफ था कि आने वाला चुनाव झारखंड के लिए महत्वपूर्ण है. अगले पांच वर्ष में झारखंड 18 वर्ष का होगा. प्रधानमंत्री कहना चाह रहे थे कि राज्य में बहुमत की सरकार बनायें. स्थिर सरकार दें. हालांकि प्रधानमंत्री ने किसी दल विशेष का नाम नहीं लिया. लेकिन शुरुआत में ही कह दी कि केंद्र में स्थिर और मजबूत सरकार है.समारोह के बहाने संगठन में जोर आजमाइश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम सरकार द्वारा आयोजित था. आयोजन सरकार का था, लेकिन भीड़ जुटाने में भाजपा ने ताकत झोंकी. संगठन के अंदर भी जोर आजमाइश की गयी. आने वाले चुनाव में दावेदारों की ताकत भी इस कार्यक्रम से आंकी जायेगी. चुनाव में टिकट के लिए जोर लगानेवालों की परीक्षा थी. झंडा-बैनर से लेकर तोरण द्वार दावेदारों ने अपने प्रयास से बनाये. अपनी उपस्थिति दर्ज करायी. पार्टी के सांसदों ने भी ताकत दिखा कर संगठन में साख जमायी.

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