रांची: राज्य में सिविल सर्विसेज बोर्ड का गठन अब तक नहीं हुआ है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी सरकार ने इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की है. इससे संबंधित फाइल सात माह से सरकार के पास पड़ी हुई है.
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सात अक्तूबर में बोर्ड का गठन करने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जनवरी में केंद्र सरकार ने एक्ट में संशोधन कर दिया. सभी राज्यों को इससे संबंधित पत्र भेज कर आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया. पर सात माह गुजर गये, राज्य सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया. दो साल के पहले नहीं होना है तबादला : आइएएस अफसरों के तबादले को लेकर समय सीमा तय करने के उद्देश्य से बोर्ड का गठन किया जाना है. इसमें विशेष परिस्थिति और प्रशासनिक कारणों को छोड़ कर किसी भी आइएएस अफसर का दो साल के अंदर तबादला नहीं करने का प्रावधान है. विशेष परिस्थिति में तबादला करने के लिए समुचित कारण बताना होगा.
कैसा होगा बोर्ड का स्वरूप
इसके अध्यक्ष मुख्य सचिव होंगे. कमेटी में कार्मिक सचिव और एक वरीय आइएएस अफसर भी होंगे. कमेटी ही आइएएस अफसरों के तबादले पर फैसला लेगी.
क्या हो रहा है फिलहाल
सरकार जब चाहे, हटा देती है : सरकार जब चाहे आइएएस अफसरों का तबादला कर देती है. इसके लिए कोई समय सीमा तय नहीं है. कभी-कभी तो दो-चार दिन में ही अफसर बदल दिये जाते हैं. छह माह व साल भर में तो हर अफसरों को बदला जाता है. गिने-चुने अफसर ही दो साल तक एक ही जगह रह पाते हैं.
क्या होता लाभ
सरकार की कार्य प्रणाली में सुधार होगी
अफसरों को काम करने का मौका मिलेगा. लगातार दो साल तक काम करने पर वे विभाग व उसकी योजनाओं को बेहतर तरीके से समझ सकेंगे और उसका क्रियान्वयन कर सकेंगे.
अफसरों में पदस्थापन काल को लेकर अनिश्चितता नहीं होने से वे बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे
विधायक, मंत्री या अन्य किसी नेता के दबाव पर किसी अफसर का तबादला नहीं हो सकेगा.