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वाहन चोरी की प्राथमिकी दर्ज कराने से पहले रखें ध्यान

लाइफ रिपोर्टर @ रांचीथाना में किसी व्यक्ति के लिए बाइक या वाहन को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराना काफी मुश्किल भरा काम होता है. खास कर जब बाइक या वाहन चोरी की घटना हो. केस दर्ज करानेवाला व्यक्ति पुलिस के सवाल से परेशान हो जाता है. पुलिस अफसर सवाल करने लगते हैं कि वाहन या बाइक […]

लाइफ रिपोर्टर @ रांचीथाना में किसी व्यक्ति के लिए बाइक या वाहन को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराना काफी मुश्किल भरा काम होता है. खास कर जब बाइक या वाहन चोरी की घटना हो. केस दर्ज करानेवाला व्यक्ति पुलिस के सवाल से परेशान हो जाता है. पुलिस अफसर सवाल करने लगते हैं कि वाहन या बाइक की चोरी कैसे हुई? बाइक में डबल लॉक लगाया था? गाड़ी के पेपर हैं क्या? आप लोग कहीं भी वाहन छोड़ कर चले जाते हैं. पुलिस प्रत्येक बाइक के पास खड़ी रह कर सुरक्षा करे क्या? आपकी संपत्ति थी, जब आप लोग की ध्यान नहीं रखते तब पुलिस क्या करेगी. ये ऐसे सवाल हैं जिससे लोग परेशान हो उठते हैं. इसके बावजूद शिकायत करने वाला व्यक्ति इन बातों का जवाब दे देता है, तो पुलिस अफसर समझाते हैं कि अभी थानेदार साहब नहीं हैं. शिकायत करने के लिए बाद में आयें. हालांकि आम आदमी कुछ बातों का ध्यान रख कर आसानी से वाहन या बाइक चोरी की प्राथमिकी दर्ज करा सकता है. प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए रखें इन बातों पर ध्यान – बाइक या वाहन चोरी होने की सूचना तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम या संबंधित क्षेत्र के थाना को दें. – सूचना देने के बाद बाइक या वाहन से संबंधित मूल पेपर लेकर शिकायत करने के लिए थाना पहुंचे. – थाना पहुंच कर पुलिस से शिकायत करने के लिए पेपर लें या केस दर्ज करने के लिए अनुरोध करें. – मामले की लिखित जानकारी पुलिस को देने के बाद प्राथमिकी की एक प्रति पुलिस से प्राप्त करें. – शिकायत में बाइक या वाहन का इंजन नंबर, चेचिस नंबर और रंग और अन्य बातों की जानकारी दें. केस नहीं होने पर वरीय अधिकारियों को दे सूचना यदि केस दर्ज नहीं किया जा रहा है, तब मामले की तुरंत जानकारी वरीय पुलिस पदाधिकारियों एसएसपी, सिटी या ग्रामीण एसपी, डीएसपी और सर्किल इंस्पेक्टर को दें. प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद क्या होगाप्राथमिकी दर्ज होने के बाद केस का अनुसंधान किसी पुलिस अफसर को सौंपा जाता है. उक्त पदाधिकारी को घटना के संबंध में विस्तृत जानकारी दें, ताकि केस का समय पर सुपरविजन हो सकें. इसके लिए शीघ्र ही सर्किल इंस्पेक्टर से संपर्क कर, उन्हें घटना से जुड़े गवाह उपलब्ध करायें. बाइक बरामद होने पर पुलिस से करें संपर्क केस की जांच पूरी होने से पहले यदि पुलिस बाइक या वाहन बरामद कर लेती है, तब बाइक या वाहन को न्यायालय से रिलीज कराने के लिए केस के अनुसंधानक से संपर्क करें. ताकि समय पर केस का अनुसंधानक न्यायालय से वाहन को रिलीज करने के लिए अनुरोध कर सके. बाइक या वाहन नहीं मिलने पर क्या करें पुलिस की जांच पूरी होने के बाद भी वाहन या बाइक बरामद नहीं होती और पुलिस फाइनल रिपोर्ट न्यायालय में भेज देती है, तब पुलिस से केस से संबंधित फाइनल रिपोर्ट प्राप्त करें. रिपोर्ट के आधार पर इंश्योरेंस कंपनी से क्लेम का दावा करें.

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