असेंबलियों से इस्तीफा देंगे इमरान की पार्टी के सांसद

इसलामाबाद. विपक्ष के नेता इमरान खान की राजनीतिक पार्टी ने सोमवार को प्रतिनिधियों को नेशनल असेंबली और खैबर पख्तूनख्वा को छोड़ कर सभी प्रांतीय असेंबलियों से वापस बुलाने का फैसला किया, ताकि नवाज शरीफ की अगुवाईवाली सरकार पर इस्तीफा देने के लिए दबाव बनाया जा सके. खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 18, 2014 10:00 PM

इसलामाबाद. विपक्ष के नेता इमरान खान की राजनीतिक पार्टी ने सोमवार को प्रतिनिधियों को नेशनल असेंबली और खैबर पख्तूनख्वा को छोड़ कर सभी प्रांतीय असेंबलियों से वापस बुलाने का फैसला किया, ताकि नवाज शरीफ की अगुवाईवाली सरकार पर इस्तीफा देने के लिए दबाव बनाया जा सके. खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) की सरकार है. पीटीआइ के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी ने एलान किया ‘हम नेशनल असेंबली, पंजाब असेंबली, सिंध असेंबली और बलूचिस्तान असेंबली से इस्तीफा दे रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि फिलहाल उनकी पार्टी खैबर पख्तूनख्वा असेंबली से इस्तीफा नहीं दे रही है, क्योंकि प्रांत में गंठबंधन सरकार है और ऐसा बड़ा निर्णय करने से पहले सहयोगियों को विश्वास में लिया जायेगा. गौरतलब है कि एक दिन पहले ही इमरान खान ने सरकार के खिलाफ सविनय अवज्ञा आंदोलन की घोषणा की और वह शरीफ के इस्तीफे के लिए 48 घंटे की समयसीमा भी तय कर चुके हैं. ‘डॉन न्यूज’ की खबर के अनुसार, कुरैशी ने कहा कि इस्तीफे मंगलवार को संबद्ध स्पीकरों को सौंपे जायेंगे. उन्होंने कहा कि मई 2013 में आम चुनावों में कथित धांधली के खिलाफ प्रदर्शनों में पार्टी द्वारा अन्य सभी विकल्प समाप्त हो जाने के बाद यह निर्णय किया गया.इमरान की तीसरी सबसे बड़ी पार्टीपाक में हुए आम चुनावों में शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन ने 342 सीटों में से 190 सीटें जीतीं, जबकि 34 सीटें जीत कर इमरान खान की पीटीआइ तीसरे सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी. कुरैशी ने कहा कि सरकार के और पीटीआइ के रुख में जमीन आसमान का अंतर है. उन्होंने कहा, ‘नवाज कहते हैं कि ये चुनाव पाकिस्तान के इतिहास के सबसे साफ-सुथरे चुनाव थे. हम कहते हैं कि ऐसा बिल्कुल नहीं था. वह कहते हैं कि चुनाव आयोग स्वतंत्र है, हम कहते हैं कि वह पक्षपाती था.’ कुरैशी ने कहा, ‘उनका कहना है कि कार्यवाहक सरकार का निर्णय आम सहमति से किया गया, हम कहते हैं कि दो राजनीतिक दलों ने कार्यवाहक सरकार का निर्णय किया.’ सरकार पर इस्तीफा देने के लिए दबाव है, क्योंकि खान की अगुवाई में हजारों समर्थकों ने लाहौर से इसलामाबाद तक, सरकार से इस्तीफे की मांग करते हुए रैली निकाली. इमरान खान और लोकप्रिय मौलवी तहीरुल कादरी का दावा है कि मई 2013 में हुए आम चुनावों मंे धांधली हुई थी.

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