प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, निर्मल भारत योजना और एआइबीपी का काम हो सकता है प्रभावितविशेष संवाददातारांची : वित्तीय वर्ष 2013-14 में तीन केंद्रीय योजनाओं में राज्य सरकार को फूटी कौड़ी नहीं मिली. इनमें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, निर्मल भारत योजना और एआइबीपी के तहत ली गयी बड़ी सिंचाई परियोजनाएं हैं. राज्य सरकार इन योजनाओं में पहले से मिली राशि खर्च नहीं कर सकी थी. साथ ही खर्च की जा चुकी राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र केंद्र को नहीं दिया था. केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2013-14 के दौरान राज्य में चल रही केंद्रीय योजनाओं के लिए कुल 7104.40 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया था. हालांकि राज्य सरकार की ओर से इन योजनाओं में पहले से मिली पूरी राशि खर्च नहीं कर पाने और समय पर उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं देने की वजह से केंद्र से सिर्फ 3628.36 करोड़ रुपये ही मिले. राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में पहले से मिली राशि में से 650.32 करोड़ खर्च नहीं की थी. इसके अलावा 2013-14 में इस मद में पैसा लेने के लिए फरवरी 2014 में केंद्र के पास प्रस्ताव भेजा. नियमानुसार केंद्रीय योजना में प्रथम किस्त लेने के लिए मई-जून तक और दूसरी किस्त के लिए नवंबर-दिसंबर तक केंद्र को प्रस्ताव भेजना पड़ता है. राज्य सरकार द्वारा पहले से पड़ी राशि खर्च कर पाने और समय पर केंद्र को प्रस्ताव नहीं भेजने की वजह से इस मद में पैसा नहीं मिला. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना शुरू होने के बाद यह पहला ऐसा मौका था, जब केंद्र से राज्य को फूटी कौड़ी नहीं मिली. निर्मल भारत अभियान में केंद्र ने 87.88 करोड़ रुपये देने का प्रावधान किया था. इस मद में पहले से मिली राशि में से सरकार ने 33.37 करोड़ रुपये खर्च नहीं किये थे, इसलिए इस मद में केंद्र से पैसा नहीं मिला. केंद्र एआइबीपी योजना के तहत ली गयी सिंचाई परियोजनाओं के लिए 2013-14 में झारखंड को 700 करोड़ रुपये देना चाहती थी. सरकार की ओर से इस मद में पहले से मिले 690.89 रुपये खर्च नहीं कर पाने की वजह से केंद्र ने एआइबीपी के तहत राशि नहीं दी. राज्य सरकार की ओर से केंद्रीय योजनाओं में मिली राशि और खर्च के लिए तैयार किये गये आंकड़ों के अनुसार मार्च 2013 तक राज्य सरकार ने केंद्रीय योजनाओं के लिए मिली राशि में से 3424.27 करोड़ रुपये खर्च नहीं किये थे. केंद्र ने 2013-14 में 17 में से 14 केंद्रीय योजनाओं के लिए 7104.40 करोड़ के बजट प्रावधान के मुकाबले सिर्फ 3628.36 करोड़ रुपये ही दिये. इस तरह वित्तीय वर्ष 2013-14 में केंद्रीय योजनाओं पर खर्च करने के लिए राज्य सरकार के पास 7052.63 करोड़ रुपये उपलब्ध थे. हालांकि सरकार इसमें से सिर्फ 5025.85 करोड़ रुपये ही खर्च पायी. इस तरह वित्तीय वर्ष 2013-14 की समाप्ति पर राज्य सरकार के पास केंद्रीय योजनाओं के लिए मिली राशि में से 2026.78 करोड़ रुपये खर्च करने के लिए बाकी रह गये.खास बातेंकेंद्र सरकार 714.40 करोड़ रुपये देना चाहती थीराज्य सरकार सिर्फ 3628.36 करोड़ रुपये ही ले सकीपहले से मिली राशि में से सरकार 3424.27 करोड़ रुपये खर्च नहीं कर सकी थी2013-14 में सरकार के पास खर्च करने के लिए कुल 7052.63 करोड़ रुपये थेइसमें से 5025.85 करोड़ रुपये ही खर्च हुए अब भी 2026.78 करोड़ पड़ा हुआ है. केंद्रीय योजनाओं में मिली राशि का ब्योरा(करोड़ में) मिलना थामिलापहले से थायोजना का नाम87.8800.0033.37निर्मल भारत अभियान790.00380.23298.00राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन108.0012.0072.98जल छाजन योजना465.99352.69189.04इंदिरा आवास योजना1585.33621.43262.98मनरेगा128.3847.9457.72नेशनल लाइवलीहुड मिशन00.0000.00650.32प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना32.9016.4500.00राजीव गांधी पंचायत सशक्तिकरण योनजा372.60350.17202.13मध्याह्न भोजन योजना613.22450.1199.35सर्व शिक्षा अभियान476.61499.3000.00बाल विकास परियोना471.4940.85265.99बैकवर्ड रिजन ग्रांट फंड700.0000.00690.89एआइबीपी511.26129.91436.73जेएनएनयूआरएम300.00147.1035.19राष्ट्रीय कृषि विकास योजना
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तीन केंद्रीय योजनाओं में राज्य को नहीं मिली फूटी कौड़ी
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