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बॉयकॉट कर बाहर निकले डिप्टी मेयर, धरने पर बैठे पार्षद

तसवीर ट्रैक पर हैउपमहापौर के बैठक से उठ कर जाने पर भड़के पार्षद, कहा कि यह मेयर का अपमान है डेढ़ लाख तक के काम विभागीय स्तर से करवाये जाने पर हुआ विवादरांची. मंगलवार को हुई नगर निगम बोर्ड की बैठक हंगामेदार रही. बैठक में पार्षदों ने निगम अधिकारियों से मांग की, कि डेढ़ लाख […]

तसवीर ट्रैक पर हैउपमहापौर के बैठक से उठ कर जाने पर भड़के पार्षद, कहा कि यह मेयर का अपमान है डेढ़ लाख तक के काम विभागीय स्तर से करवाये जाने पर हुआ विवादरांची. मंगलवार को हुई नगर निगम बोर्ड की बैठक हंगामेदार रही. बैठक में पार्षदों ने निगम अधिकारियों से मांग की, कि डेढ़ लाख तक के काम विभागीय स्तर से करवाये जायें. इससे विकास योजनाओं में तेजी आयेगी. पार्षदों के इस सवाल पर जब अधिकारियों ने कहना शुरू किया कि सरकार की तरफ से डेढ़ लाख तक के काम विभागीय स्तर से कराने पर रोक है. इतनी राशि के लिए टेंडर किया जाना अनिवार्य है. इस पर पार्षद भड़क गये. पार्षदों के गुस्से को देख कर डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने अधिकारियों से कहा कि जब आप लोगों के रहते हुए किसी भी कार्य के लिए हमें सरकार की ओर देखना पड़ेगा, तो फिर ऐसी बैठक का औचित्य क्या है. डिप्टी मेयर इतना कह कर बैठक से अपने कुछ समर्थक पार्षदों के साथ निकल गये. डिप्टी मेयर को निकलता देख कर महिला पार्षदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. नाराज पार्षदों का कहना था कि जब बैठक में मेयर बैठी हुई है, तो फिर डिप्टी मेयर इस तरह से कैसे निकल सकते हैं. यह बैठक में आये मेयर समेत सभी पार्षदों का अपमान है. इतना होते ही एक दर्जन से अधिक पार्षद अशोक बड़ाइक, नाजिमा रजा, हुस्ना आरा, उर्मिला यादव, सुजाता कच्छप, चंदा देवी, रोशनी खलखो, सुनीता देवी, सुरेंद्र नायक के नेतृत्व में डायस के समक्ष धरने पर बैठ गयीं. धरने पर बैठे सभी पार्षदों ने यह मांग की, कि डिप्टी मेयर आकर सभी पार्षदों से माफी मांगें. जब तक वह माफी नहीं मागेंगे. तब तक वे इस स्थल से नहीं उठेंगी. पार्षदों के आक्रोश को देखते हुए डिप्टी मेयर ने आकर पार्षदों से माफी मांगी और कहा कि अगर उनके बैठक से निकल जाने से किसी को दुख पहुंचा है, तो इसके लिए वे माफी मांगते हैं. बैठक में निगम सीइओ मनोज कुमार, डिप्टी सीइओ ओमप्रकाश साह, कार्यपालक पदाधिकारी रामकृष्ण कुमार, ओएस नरेश सिन्हा, पार्षद श्रवण कुमार, सरोज गाड़ी, अशोक यादव आदि उपस्थित थे. एक रुपया में ली जमीन, अब होगी जांच: बैठक में पार्षदों ने सवाल उठाया कि नगर निगम के द्वारा दारमोकरी कर के तहत एक एकड़ से अधिक जमीन अपर बाजार में विभिन्न लोगों को दी गयी है. जमीन लेनेवाले इन लोगों ने निगम से यह कह कर जमीन ली थी कि इस जमीन पर वे समाजसेवा का काम करेंगे. इसके लिए निगम ने सभी लोगों से एक रुपया सालाना टैक्स भी निर्धारित किया था. परंतु आज निगम की इस जमीन पर होटल, धर्मशाला व दुकानें खुल गयी हैं. इन दुकानों से सालाना लाखों का कारोबार हो रहा है. एक धर्मशाला ऐसी भी है, जहां शादी-विवाह के लिए बुक करने पर एक रात का 50 हजार तक का शुल्क लिया जाता है. ऐसे में इन भवनों को निगम तत्काल अपने कब्जे में ले. पार्षदों की इस मांग पर निगम सीइओ ने कहा कि उनके नॉलेज में यह नहीं था, परंतु अब ऐसी जमीनों की जांच कर इन पर उचित कार्रवाई की जायेगी. लॉजों पर कार्रवाई की मांग की : बैठक में पार्षदों ने निगम सीइओ के समक्ष यह मांग रखी कि शहर के हर गली-मोहल्ले में लॉज व किरायेदार रखने का कारोबार चल रहा है. भवन मालिक भी ऐसे भवनों से सालाना लाखों की कमाई कर रहे हैं, परंतु निगम को फूटी कौड़ी भी नहीं मिल रही है. पार्षदों के सवाल पर निगम सीइओ ने कहा कि अब तक निगम में 350 से अधिक लॉजों का आवेदन जमा हुआ है, जिसमें से 15 को निगम ने लाइसेंस भी जारी कर दिया है. अगर लॉज संचालक निगम से लाइसेंस नहीं लेते हैं, तो ऐसे लॉज संचालकों पर नगर निगम कार्रवाई करेगा.

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