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मां का दूध बच्चों के विकास में सहायक : डॉ विजेता

तसवीर : ट्रैक पर है वरीय संवाददाता रांची : मां का दूध बच्चों के संपूर्ण विकास में सहायक है. मां का दूध अमृत तुल्य होता है. इसे पिलाने से बच्चों में बीमारियों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है. यह बातें स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ विजेता निर्मल ने कहीं. वह मंगलवार को निर्मला […]

तसवीर : ट्रैक पर है वरीय संवाददाता रांची : मां का दूध बच्चों के संपूर्ण विकास में सहायक है. मां का दूध अमृत तुल्य होता है. इसे पिलाने से बच्चों में बीमारियों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है. यह बातें स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ विजेता निर्मल ने कहीं. वह मंगलवार को निर्मला कॉलेज सभागार में कॉलेज की महिला सेल व इनर व्हील क्लब रांची की ओर से विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर बोल रही थीं. उन्होंने कहा कि दूध पिलाने से मां का शरीर भी स्वस्थ रहता है और बच्चों को छह माह तक दूध पिलाने से उन्हें बाहर की कोई अतिरिक्त आहार देने की जरूरत नहीं पड़ती है. यह दूध उन्हें आठ से 10 बार बच्चों की आवश्यकता के अनुसार पिलाना चाहिए. इनर क्लब की अध्यक्षा संगीता शरण ने कार्यक्रम के उद्देश्य के संबंध में विस्तार से प्रकाश डाला. इस अवसर पर पोस्टर मेकिंग ,कोलाज व श्लोगन लिखो प्रतियोगिता हुई. इसमें मनीषा कुमारी, अंजलि दादेल व मौसमी कुमारी को पहला स्थान मिला. कार्यक्रम में प्राचार्या डॉ सिस्टर ज्योति, सिस्टर सुपीरियर बर्नाडीन, महिला सेल की डॉ एनडी एक्का, डॉ डी राय, डॉ जयाराज लक्ष्मी सहित अन्य व क्लब की सदस्य उपस्थित थीं. डॉ शरवत जबीन ने धन्यवाद ज्ञापन किया. छात्राओं ने पूछा सवालकार्यक्रम के दौरान छात्राओं ने कई तरह के सवाल पूछे. इसमें यदि हम दूध नहीं पिलाते हैं, तो मां के शरीर पर क्या असर पड़ता है. बच्चा मां का दूध पीना नहीं चाहता है आदि. उन्होंने कहा कि मां के दूध पिलाने से शरीर अच्छा व स्वस्थ रहता है.

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