रांची: पूर्व में पलामू प्रमंडल में पदस्थापित रेंजर बदरी नारायण दास गायब हैं. वन विभाग ने उन्हें निलंबित कर दिया है. उनके गायब होने की सूचना सार्वजनिक की गयी है. वन विभाग उनको खोज रहा है.
छिपादोहर में पदस्थापन के दौरान से एक गड़बड़ी के मामले में उन्हें निलंबित किया गया है. पलामू व्याघ्र परियोजना (कोर एरिया) के वन प्रमंडल पदाधिकारी प्रेमजीत आनंद ने सूचना जारी की है कि वह छिपादोहर के वन क्षेत्र पदाधिकारी अशोक कुमार को पूर्ण प्रभार सौंप दें. लेकिन प्रभार अब तक नहीं सौंपा गया. व्याघ्र परियोजना का हाथी दांत व बाघ का खाल भी उनके पास है. पलामू टाइगर प्रोजेक्ट के निदेशक एसएचइ काजमी ने कहा: हाथी दांत और बाघ का खाल कहां है, इसकी जानकारी उन्होंने वरीय पदाधिकारियों को नहीं दी है. रेंजर के रूप में पदस्थापन के दौरान वह कस्टोडियन थे.
मनरेगा में गड़बड़ी के आरोप में हैं निलंबित
बदरी नारायण दास मनरेगा में गड़बड़ी करने के आरोप में निलंबित हैं. 2010-11 में उन पर मनरेगा में गड़बड़ी का आरोप लगाया था. यह मामला छिपादोहर का ही है. वहां से हटाये जाने के बाद श्री दास की दोबारा पोस्टिंग छिपादोहर में कर दी गयी थी. प्रारंभिक जांच में गड़बड़ी की पुष्टि होने के बाद तत्कालीन वन संरक्षक अनिल कुमार मिश्र ने उनको पर प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
निलंबित होने के बाद उनको प्रभार दे देना चाहिए था. उन्होंने ऐसा नहीं किया. सभी सामान उनके कब्जे में है. कई बार कहने के बाद भी वह नहीं माने. इस कारण उनके खिलाफ विज्ञापन जारी करना पड़ा है.
प्रेमजीत आनंद, वन प्रमंडल
पदाधिकारी, पलामू टाइगर प्रोजेक्ट