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पैसे की कमी से 1.27 लाख विद्यार्थियों को नहीं मिल रही है छात्रवृत्ति

वित्त विभाग के पास लंबित है फाइलवरीय संवाददाता, रांचीझारखंड सरकार 1.27 लाख एसटी, एससी और ओबीसी छात्रों को बकाया स्कॉलरशिप समय पर नहीं दे पा रही है. राज्य सरकार सिर्फ तीन सौ करोड़ रुपये ही छात्रवृत्ति के लिए बजट में प्रावधान करती है, जो कम पड़ रही है. स्कॉलरशिप बकाये को लेकर कल्याण विभाग को […]

वित्त विभाग के पास लंबित है फाइलवरीय संवाददाता, रांचीझारखंड सरकार 1.27 लाख एसटी, एससी और ओबीसी छात्रों को बकाया स्कॉलरशिप समय पर नहीं दे पा रही है. राज्य सरकार सिर्फ तीन सौ करोड़ रुपये ही छात्रवृत्ति के लिए बजट में प्रावधान करती है, जो कम पड़ रही है. स्कॉलरशिप बकाये को लेकर कल्याण विभाग को 195.04 करोड़ रुपये चाहिए. बकाये का भुगतान करने संबंधी संचिका वित्त विभाग के पास लंबित है. चालू वित्तीय वर्ष के पहले पूरक बजट में भी बकाया भुगतान की कोई पहल नहीं की गयी है. इससे राज्य के बाहर पढ़नेवाले विद्यार्थियों और राज्य के विभिन्न संस्थानों में पढ़ रहे एक लाख से अधिक लाभुकों को स्कॉलरशिप नहीं मिल पा रही है. औसतन 30 हजार झारखंडी छात्र राज्य के बाहर उच्चतर शिक्षा पा रहे हैं. जानकारी के अनुसार 2012-13 में जहां 59990 लाभार्थियों को छात्रवृत्ति नहीं मिली थी, वहीं इसमें 2013-14 में और 68003 स्टूडेंट्स की बढ़ोतरी हुई है. मानसून सत्र में उठा था मामलाविधानसभा के मानसून सत्र में बकाया छात्रवृत्ति का मामला भी उठा था. पर आदिवासी कल्याण मंत्रालय की ओर से इस संबंध में यथोचित जवाब नहीं दिया गया. कल्याण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि राज्य के विभिन्न कॉलेजों, तकनीकी संस्थानों में पढ़नेवाले एक लाख से अधिक छात्रों को परेशानी हो रही है. राज्य के विभिन्न संस्थानों में अध्ययनरत छात्रों को शिक्षण शुल्क और रख-रखाव भत्ता देने के लिए सरकार को 99.96 करोड़ की आवश्यकता है. इसी तरह राज्य के बाहर पढ़ रहे झारखंडी छात्रों को स्कॉलरशिप की राशि देने के लिए 95.07 करोड़ की जरूरत है. केंद्र से भी नहीं मिल रही है राशिकल्याण विभाग की ओर से लगातार बकाये का भुगतान करने के लिए केंद्र के आदिवासी मामलों के मंत्रालय और सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय से राशि की मांग की जा रही है. सिर्फ अन्य पिछड़ा जाति के स्टूड्ेंट्स को बकाये का भुगतान करने के लिए 210 करोड़ की मांग की गयी है. पर केंद्र से सिर्फ 41 करोड़ ही मिले हैं. इसी तरह अनुसूचित जनजाति के बकाये भुगतान को लेकर 110 करोड़ और अनुसूचित जाति के स्टूडेंट्स के बकाये को लेकर एक अरब की मांग की गयी. केंद्र ने क्रमश: 10 करोड़ और 15 करोड़ रुपये ही दिये हैं. इस बीच स्टूडेंट्स की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना का बकायाकोटिछात्र की संख्याकुल बकाया भुगतानओबीसी61154120.07 करोड़एससी1723919.65 करोड़एसटी4960055.31 करोड़कुल127993195.04 करोड़

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