रांचीः कंस्ट्रक्शन कंपनी संजीवनी बिल्डकॉन के एमडी जयंत नंदी और अन्य लोगों को सरकारी अधिकारी भी मदद करते थे. जमीन रजिस्ट्री करते समय नियमों में शिथिलता बरत लाभ पहुंचाया जाता था. सरकारी मदद से ही जयंत नंदी गैरमजरुवा जमीन से लेकर दूसरी जमीन पर दखल जमाता गया और दूसरे के नाम पर रजिस्ट्री भी कराता गया.
संजीवनी बिल्डकॉन के खिलाफ जमीन- फ्लैट की खरीद-बिक्री के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी के आरोपों की जांच के दौरान यह खुलासा हुआ है. यह रिपोर्ट सीआइडी आइजी और एसआइटी की चीफ संपत मीणा ने तैयार की है. संपत मीणा ने उस क्षेत्र के पूर्व पदस्थापित अधिकारियों व कर्मियों की सूची बनाने का निर्देश दिया है. साथ ही एसएसपी को डीसी के सहयोग से दूसरे अंचल से भी जमीन संबंधी रिपोर्ट मांगने का अनुरोध किया है.
पिठोरिया थाना कांड संख्या 40/12
कांड मे भुक्तभोगी नदिया रहमान, गायत्री देवी सहित अन्य लोग हैं. उक्त लोगों को उपलब्ध करायी जमीन गैरमजरुवा है. जमीन की रजिस्ट्री संजीवनी बिल्डकॉन के सुनील सिंह, अरविंद सिंह और अनामिका नंदी के नाम पर हुई. इसमें सरकारी अधिकारियों की मदद हासिल थी. इस मामले में जमीन कारोबारी बसंत सिन्हा ने कुंवर मुंडा, अजय मुंडा और हुसैन मुंडा की जमीन पर जबरन कब्जा किया. इसके एवज में बसंत सिन्हा ने उक्त लोगों को सिर्फ 1.25 लाख रुपये दिये. बाद में जमीन बसंत सिन्हा ने संजीवनी बिल्डकॉन को दे दी.
ओरमांझी थाना कांड संख्या 60/12
इस कांड में कुल सात मामलों में गैरमजरुवा जमीन की रजिस्ट्री संजीवनी बिल्डकॉन ने दूसरे के नाम पर कर दी. पांच मामलों में क्रेता और विक्रेता का फोटो और फिंगर प्रिंट (अंगुलांक) नहीं है. इस मामले में भी सरकारी अधिकारी की मदद थी.
पुदांग ओपी कांड संख्या 109/12
इस कांड में निबंधन कार्यालय की डीड संख्या 3562, 25582, 5807, 26989, 8096, 24805, 20353, 26322 में क्रेता और विक्रेता का फोटो वर्णित कॉलम में नहीं है. उक्त जगह फ्लेड अवे लिखा हुआ है. यह केंद्रीय निबंधन एवं अन्य विधियां 2001 की कंडिया- 2 के विपरीत है. इस मामले में तत्कालीन अवर निबंधक और उनके कार्यालय के कर्मचारी व अन्य दोषी है.