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बच्चों से करायी जा रही है बाल मजदूरी

समाचार का फोटो फाइल 6पीटीआर-बी में जाली को रंगते बच्चेपतरातू. एक तरफ सरकार बाल मजदूरी को रोकने के प्रयास कर रही है. इसके लिए कई कानून बनाये गये हैं. दूसरी ओर सरकारी योजनाओं में भी बाल मजदूरी बदस्तूर जारी है. पतरातू-रांची घाटी मार्ग में वन विभाग द्वारा पौधरोपण का कार्य जारी है. इसमें बाल मजदूरों […]

समाचार का फोटो फाइल 6पीटीआर-बी में जाली को रंगते बच्चेपतरातू. एक तरफ सरकार बाल मजदूरी को रोकने के प्रयास कर रही है. इसके लिए कई कानून बनाये गये हैं. दूसरी ओर सरकारी योजनाओं में भी बाल मजदूरी बदस्तूर जारी है. पतरातू-रांची घाटी मार्ग में वन विभाग द्वारा पौधरोपण का कार्य जारी है. इसमें बाल मजदूरों का इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है. पेड़ लगाने के लिए बांस की जाली लगायी गयी है. इसे रंगने के कार्य में बाल मजदूर लगे हुए हैं. केस एक- स्वयंसेवी संस्था लिटिल ड्राप्स ने एक सर्वे किया. इसमें पाया गया कि पौधरोपण कार्य में बालकों से मजदूरी करायी जा रही है. बांस की जाली को बच्चों से रंगवाया गया. इससे उन बच्चों के शरीर व दिमाग पर विपरीत प्रभाव पड़ा. बच्चे सुबह छह बजे से 10 बजे तक जाली को रंगने का कार्य करते थे. उसके बाद वे विद्यालय चले जाते थे. पुन: अपराह्न दो बजे से देर शाम तक बच्चे रंग करने के कार्य में लग जाते थे. एक जाली के लिए दो रुपये मिलते हैं : संस्था के अनुसार, बच्चों को इसके लिए प्रति जाली मात्र दो रुपये मिलते हैं. बच्चों से पूछने पर बताया कि वे प्रत्येक दिन लगभग 100 जाली पेंट करते हैं. अधिकांश बच्चे पिठोरिया के राड़हा गांव के रहनेवाले हैं. परिवार में आर्थिक तंगी के कारण बच्चों को मजबूरन इन कार्यों को करना पड़ता है. परंतु वन विभाग द्वारा भी बच्चों को मजदूरी करने से नहीं रोकना गुनाह ही है. इसका कुप्रभाव बच्चों के शारीरिक विकास समेत मानसिक विकास पर भी पड़ रहा है. आर्थिक लाभ के लिए बच्चों से करायी जाती है मजदूरी : वन विभाग द्वारा जाली लगवाने के लिए ठेके पर कार्य दिया गया था. सस्ती दर पर बच्चों से मजदूरी कराना आसान है. आर्थिक लाभ के कारण संवेदक बच्चों से मजदूरी कराते हैं. दूसरी ओर, बच्चे पैसे के लोभ में कार्य करने के लिए आसानी से तैयार हो जाते हैं. स्वयंसेवी संस्था लिटिल ड्राप्स के सचिव जीवन कुमार ने कहा कि यह बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. बाल मजदूरी अपराध है. इसमें शामिल व्यक्ति को जेल भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि संस्था बाल मजदूरी को रोकने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है. इसके लिए लोगों को भी जागरूक किया जा रहा है. संस्था द्वारा समय-समय पर विभिन्न क्षेत्रों में हो रही बाल मजदूरी से संबंधित सूचनाएं सरकारी एजेंसियों को भी दी जाती है.

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